लातूर से लोकसभा सदस्य शिवाजी कलगे ने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया।
Press Trust of India | October 6, 2024 | 02:39 PM IST
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के लातूर शहर में एक सरकारी कॉलेज के छात्रावास में रात का भोजन करने के बाद संदिग्ध खाद्य विषाक्तता के कारण करीब 50 छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया। ‘पुरणमल लाहोटी शासकीय पॉलिटेक्निक’ के इस छात्रावास में 324 छात्राएं रहती हैं। अधिकारियों ने रविवार (6 अक्टूबर) को यह जानकारी दी है।
अधिकारियों ने बताया कि शनिवार शाम करीब 7 बजे छात्राओं ने चावल, चपाती, ‘ओकरा’ सब्जी खायी और दाल का सूप पीया। रात साढ़े आठ बजे तक उनमें से कई को बेचैनी महसूस हुई तथा कुछ छात्राओं को उल्टी होने लगी।
यह सूचना मिलने पर कॉलेज के प्रधानाचार्य मौके पर पहुंचे और लातूर में विलासराव देशमुख राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डीन डॉ. उदय मोहिते को सूचित किया। पीड़ित छात्राओं को तुरंत एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया गया।
डॉ. मोहिते ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मध्यरात्रि तक करीब 50 छात्राओं को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनमें से 20 को देर रात तीन बजे तक अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। 30 अन्य छात्राओं का अस्पताल में उपचार हो रहा है। इनमें से किसी की हालत गंभीर नहीं है।
कॉलेज प्रधानाचार्य वी डी नितनावरे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा,‘‘छात्रावास की कुछ छात्राओं की तबीयत खराब होने की खबर मिलने के बाद हम तुरंत मौके पर पहुंचे। सभी पीड़ित छात्राओं को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह सुनिश्चत करने के लिए व्यापक स्वास्थ्य जांच की गई कि किसी छात्रा को कोई खतरा न हो। चिंता की कोई बात नहीं है।’’
उन्होंने बताया कि शिवाजीनगर पुलिस को घटना की सूचना दे दी गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस मौके पर पहुंची और प्राधिकारियों ने भोजन के नमूने एकत्रित किए। नमूनों की रिपोर्ट मिलने के बाद खाद्य विषाक्तता की वजह का पता लगाया जाएगा।
घटना की सूचना मिलने के बाद लातूर से लोकसभा सदस्य शिवाजी कलगे छात्राओं का हाल-चाल जानने अस्पताल पहुंचे। कांग्रेस सांसद ने लातूर की जिलाधीश वर्षा ठाकुर घूगे से भी संपर्क किया और उनसे घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया।
बंगालियों की पहचान, उनकी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे संगठन ‘बांग्ला पोक्खो’ के महासचिव गार्गा चटर्जी ने कहा, ‘बांग्ला को मान्यता मिलने से हम खुश हैं, लेकिन यह काम काफी समय से लंबित था।’
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