पहले दिन सुबह की प्रार्थना के बाद शिक्षक गुरु पूर्णिमा के महत्व पर चर्चा करेंगे। इसके बाद, छात्र प्राचीन भारत में गुरुकुल और भारतीय संस्कृति पर आधारित निबंध लेखन प्रतियोगिता में भाग लेंगे।
Abhay Pratap Singh | July 17, 2024 | 04:55 PM IST
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के स्कूलों को 20 और 21 जुलाई को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाने का निर्देश दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में कहा कि छात्रों को भारतीय संस्कृति में पारंपरिक शिक्षक-छात्र संबंधों के बारे में शिक्षित किया जाएगा।
कार्यक्रम के पहले दिन यानी 20 जुलाई को सुबह की प्रार्थना के बाद शिक्षक इस परंपरा और गुरु पूर्णिमा के महत्व पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इसके बाद, छात्र प्राचीन भारत में ‘गुरुकुल’ और ‘भारतीय संस्कृति’ पर आधारित निबंध लेखन प्रतियोगिता में भाग लेंगे।
वहीं, कार्यक्रम के दूसरे दिन 21 जुलाई को मां सरस्वती और गुरुओं के लिए आयोजित प्रार्थना समारोह के साथ ही दीप प्रज्वलन कार्यक्रम भी होगा। इस दौरान शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाएगा और शिक्षक तथा छात्र दोनों ही अपने आपसी संबंधों पर प्रकाश डालते हुए व्यक्तिगत अनुभव साझा करेंगे।
प्रदेश सरकार द्वारा जारी निर्देश में कहा गया कि राज्य के सभी विश्वविद्यालय, कॉलेज, सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाया जाएगा। संस्थाओं द्वारा आयोजित ‘गुरु पूर्णिमा’ कार्यक्रम में साधु-संत और सेवानिवृत्त शिक्षक भी शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश में उल्लिखित इस पहल का उद्देश्य भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और गुरु-शिष्य बंधन के महत्व की गहरी समझ पैदा करना है। बता दें कि, ऐसा पहली बार है जब राज्य की भाजपा सरकार ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय, संस्थानों और कॉलेजों में भी गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाने का निर्देश दिया है।
कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हाफिज ने ‘एक्स’ पर कहा, “मैंने गुरुपूर्णिमा को लेकर आपत्ति नहीं की है बल्कि उसकी अनिवार्यता को लेकर चिंता व्यक्त की है। कल को अगर सब धर्म के अभिभावक यही मांग करने लगे कि उनके धर्म से जुड़ी परंपरा स्कूलों में लागू की जाएं तो हम क्या करेंगे? यह सरकार कभी शिक्षा के स्तर को बढ़ाने का प्रयास भी करेगी या बस राजनीति ही प्राथमिकता है?”