KIET Ghaziabad: काईट ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स में 11वें वार्षिक ई-समिट ‘एंडेवर 2025’ की शुरुआत की गई
ई-समिट कार्यक्रम के दौरान मुख्य वक्ता सत्र का भी आयोजन किया गया, जिसमें तीन प्रेरक व्यक्तित्वों ने अपनी जीवन यात्रा साझा की।
Careers360 Connect | May 2, 2025 | 07:56 PM IST
नई दिल्ली: काईट ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स (KIET Group of Institutions) में 11वें वार्षिक ई-समिट ‘एंडेवर’ की शुरुआत की गई। टीम ई-सेल काईट द्वारा आयोजित इस ई-शिखर सम्मेलन में गूगल डेवलपर स्टूडेंट्स क्लब (GDSC) के सहयोग में स्प्रिंटहैक्स 3.0 (दो-दिवसीय हैकाथॉन) का आयोजन भी किया गया।
केआईईटी गाजियाबाद के ई-समिट ‘एंडेवर 2025’ कार्यक्रम समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कमांडर दीपक नौटियाल (रक्षा नवाचार संगठन में डिप्टी प्रोग्राम डायरेक्टर) एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ राखी बक्शी (पत्रकार, मीडिया स्ट्रेटजिस्ट और पूर्व दूरदर्शन एंकर) शामिल हुईं।
मुख्य अतिथि कमांडर दीपक नौटियाल ने अपने संबोधन में छात्रों से कहा, “फोकस और अनुशासन ही सफलता की कुंजी हैं। सेना की जिंदगी सिर्फ एक नौकरी नहीं होती, यह एक जीवनशैली है।”
इस कार्य्रक्रम में डॉ. मनोज गोयल (संयुक्त निदेशक), डॉ आदेश पांडे (निदेशक - एकेडमिक्स), सौरव कुमार (जीएम - टेक्नोलॉजी बिज़नेस इनक्यूबेटर), डॉ विनीत शर्मा (एचओडी, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग), डॉ प्रीति चिटकारा (हेड, पीआर और अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग) के साथ-साथ संस्थान के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।
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डॉ राखी बक्शी ने काईट के ई-समिट समारोह में कहा, “आज के सपने देखने वाले ही कल के करने वाले बनते हैं।” उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी बात कहने और अपने सपने को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य वक्ता सत्र का भी आयोजन किया गया, जिसमें तीन प्रेरक व्यक्तित्वों ने अपनी जीवन यात्रा साझा की। इनमें रामवीर तंवर (पॉन्ड मैन ऑफ इंडिया), आशुतोष बर्नवाल ('बडी4स्टडी' और 'काइंडसर्कल' के संस्थापक) और राजीव सिक्का (इंडियन ऑइल अडानी गैस प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व सीईओ) का नाम शामिल था।
प्रेस रिलीज के अनुसार, “रामवीर तंवर ने अपने संगठन ‘से अर्थ’ और ‘पॉन्डमैन इंटरप्राइजेज’ के माध्यम से 80 से अधिक जलाशयों को पुनर्जीवित किया है। वहीं, हाल ही में हार्ट सर्जरी से गुजरने के बावजूद राजीव सिक्का का जोश और सीखने का जुनून प्रेरणादायक था।”
आशुतोष बर्नवाल ने बताया कि आर्थिक कठिनाइयों से जूझते हुए उन्होंने ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया जिससे अब तक 80 लाख से अधिक छात्रों को स्कॉलरशिप का लाभ मिल चुका है। उन्होंने छात्रों से कहा, “आपके पास जो संसाधन हैं (लाइब्रेरी, इंटरनेट, सीखने की भूख) इन्हीं से आप आगे बढ़ सकते हैं।”
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