दायर याचिका में कहा गया है कि जेईई एडवांस्ड पात्रता मानदंड में अचानक बदलाव से याचिकाकर्ता समेत हजारों छात्र प्रभावित हुए हैं।
Press Trust of India | January 9, 2025 | 08:57 PM IST
नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार (9 जनवरी) को संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई)-एडवांस्ड के अभ्यर्थियों को दिए जाने वाले प्रयासों की संख्या तीन से घटाकर दो करने के खिलाफ याचिका पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की।
जब यह याचिका न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह के समक्ष आई तो वकील ने कहा, "यह मामला आईआईटी प्रवेश परीक्षा से संबंधित है जिसमें प्रयासों की संख्या तीन से घटाकर दो कर दी गई है।"
वकील ने बताया कि इसी तरह की याचिका 10 जनवरी को पीठ के समक्ष सूचीबद्ध की गई है, जिसके बाद अदालत ने दोनों को टैग करने का निर्देश दिया। अधिवक्ता संजीत त्रिवेदी ने कोर्ट को नई याचिका के बारे में जानकारी दी।
याचिका में कहा गया है कि जेएबी ने 5 नवंबर, 2024 की अपनी प्रेस विज्ञप्ति में जेईई-एडवांस्ड के लिए तीन प्रयास तय किए थे, लेकिन 18 नवंबर, 2024 की अपनी नई विज्ञप्ति में उसने अचानक इसे बदलकर दो कर दिया।
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याचिका में कहा गया है कि पात्रता मानदंड में अचानक बदलाव से याचिकाकर्ता समेत हजारों छात्र प्रभावित हुए हैं, जो आईआईटी में प्रवेश पाने के अवसर से वंचित हो गए हैं। यह बदलाव न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है।
याचिका में कहा गया है कि यह अधिसूचना वैध अपेक्षा और प्रतिबद्धता के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है। इसके साथ ही याचिका में अदालत से 18 नवंबर 2024 की जेएबी की प्रेस विज्ञप्ति को रद्द करने की भी मांग की गई है।
बता दें कि जेईई एडवांस्ड 2025 परीक्षा आईआईटी कानपुर द्वारा 18 मई, 2025 को आयोजित की जाएगी। जेईई एडवांस्ड 2025 के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 23 अप्रैल, 2025 से 5 मई, 2025 तक jeeadv.ac.in पर जारी रहेगी।