IIT Roorkee's Silver Jubilee Reunion: आईआईटी रुड़की में बीआर्क बैच का रजत जयंती री-यूनियन कार्यक्रम
Saurabh Pandey | November 17, 2024 | 12:03 PM IST | 2 mins read
आईआईटी रुड़की के इस री-यूनियन ने पूर्व छात्रों को फिर से जुड़ने, यादों को ताजा करने और अपने साथियों के साथ अपनी उपलब्धियों और अनुभवों को साझा करने का एक अवसर प्रदान किया।
नई दिल्ली : आईआईटी रुड़की ने 1999 (बी.आर्क. 2000) बैच के लिए रजत जयंती री-यूनियन 15 से 17 नवंबर, 2024 तक आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम पुरानी यादों, सौहार्द और संस्थान के भविष्य में योगदान देने की मजबूत प्रतिबद्धता से भरा दिखा।
पूर्व छात्रों एवं उनके परिवारों सहित लगभग 300 उपस्थित लोग संस्थान के साथ अपने जुड़ाव का उत्सव मनाने के लिए एकत्र हुए। री-यूनियन के दौरान, 1999 (बी.आर्क. 2000) बैच ने विभिन्न पहलों के लिए लगभग 5 करोड़ रुपये दान किया है। इस जुबली री-यूनियन के दौरान प्राप्त किया गया अब तक का सबसे बड़ा बैच दान है।
यह दान एक हाई-टेक एम्बुलेंस, एलबीएस स्टेडियम में स्टैंड, 175वीं वर्षगांठ गेट, जरूरतमंद छात्रों के लिए वित्तीय सहायता और अन्य प्रभावशाली परियोजनाओं के लिए होगा, जो आईआईटी रुड़की की विरासत को मजबूत करेगा।
आईआईटी रुड़की निदेशक ने कहा-
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने कहा कि हमारे पूर्व छात्रों और आईआईटी रुड़की के बीच का संबंध हमेशा से ही हमारी ताकत रहा है। हम अपने सभी पूर्व छात्रों को उनके अटूट समर्थन के लिए दिल से धन्यवाद देते हैं, जिसकी बदौलत हम नई उपलब्धियां प्राप्त कर पाए हैं और वैश्विक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डाल पाए हैं।
संसाधन एवं पूर्व छात्र मामलों के कुलशासक प्रो. आर.डी. गर्ग ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे पूर्व छात्रों के बैच की अपने अल्मा मैटर के प्रति उदारता और समर्पण वास्तव में उल्लेखनीय है। हम उनके योगदान के लिए बहुत आभारी हैं, जो हमारे छात्रों के जीवन पर एक परिवर्तनकारी प्रभाव डालना जारी रखते हैं।
पूर्व छात्र अम्बुज कुमार ने कहा-
1999 की कक्षा के पूर्व छात्रों में से एक अम्बुज कुमार ने अपने अल्मा मैटर के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आईआईटी रुड़की हमारी पहचान का एक बड़ा भाग है और इसने हमें वह बनाया है जो हम हैं। संस्थान में वापस आना और अपना छोटा सा योगदान देना एक अविश्वसनीय एहसास है।
इस री-यूनियन ने पूर्व छात्रों को फिर से जुड़ने, यादों को ताजा करने और अपने साथियों के साथ अपनी उपलब्धियों और अनुभवों को साझा करने का एक अवसर प्रदान किया। 1999 (बी.आर्क. 2000) बैच ने अपने योगदान के माध्यम से अपने जीवन पर आईआईटी रुड़की के स्थायी प्रभाव और संस्थान का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
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