Abhay Pratap Singh | September 30, 2025 | 12:27 PM IST | 2 mins read
“बैंड पास गेन बूस्टिंग सरफेस (GBS) को एकीकृत करके, यह तकनीक अगली पीढ़ी की संचार प्रणालियों के लिए बेहतर दक्षता और व्यापक अनुप्रयोग क्षमता प्रदान करती है।
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (IIT Roorkee) ने एमटेकप्रो टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (MTEKPRO Technologies Private Ltd) को एडवांस्ड एंटीना गेन एन्हांसमेंट तकनीक का सफलतापूर्वक लाइसेंस दिया है। इस तकनीक के माध्यम से वायरलेस संचार और अनुप्रयुक्त विद्युत चुंबकीय (Applied Electromagnetics) क्षेत्र में उद्योग-अकादमिक साझेदारी और मजबूत होगी।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, “बैंड पास गेन बूस्टिंग सरफेस (GBS) का उपयोग करके पिरामिडल हॉर्न एंटीना में गेन बढ़ाने की एक प्रणाली एवं विधि” (पेटेंट आवेदन संख्या 202311057857) शीर्षक से लाइसेंस प्राप्त नवाचार, आईआईटी रुड़की के प्रो गौरीश बसवराजप्पा एवं कल्याण मोहन पटनायक द्वारा विकसित किया गया है।
आगे कहा गया कि, एक नवीन जीबीएस को एकीकृत करके, यह तकनीक अगली पीढ़ी की संचार प्रणालियों के लिए बेहतर दक्षता और व्यापक अनुप्रयोग क्षमता प्रदान करती है।
प्रमुख आविष्कारक प्रो गौरीश बसवराजप्पा ने कहा, “यह तकनीक एंटीना के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए एक सरल लेकिन प्रभावी तरीका प्रस्तुत करती है, जो अगली पीढ़ी के वायरलेस सिस्टम में महत्वपूर्ण हो सकता है। उद्योग के साथ सहयोग हमारे प्रयोगशाला अनुसंधान को व्यावहारिक रूप देने में मदद करेगा।”
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एमटेकप्रो टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि तैय्यब ज़िया अहमद एवं दीपा गोयल ने इस नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा, “हमें आईआईटी रुड़की की इस तकनीक को अपने उत्पाद श्रृंखला में शामिल करने पर बहुत खुशी है। इस लाभ संवर्धन समाधान में औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए अपार संभावनाएं हैं, और हम इसे व्यापक बाजारों में व्यावसायिक रूप से उपलब्ध कराने के लिए तत्पर हैं।”
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर केके पंत ने कहा, “आईआईटी रुड़की में, हम इस बात पर जोर देते हैं कि शोध के परिणाम समाज के लिए ठोस मूल्य पैदा करें। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में यह उपलब्धि सार्थक नवाचारों को आगे बढ़ाने में शिक्षा जगत और उद्योग के बीच सहयोग की शक्ति को दर्शाती है।”
आईआईटी रुड़की के कुलशासक (प्रायोजित अनुसंधान एवं औद्योगिक परामर्श) प्रो विवेक के मलिक ने कहा, “यह इस बात का एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे आईआईटी रुड़की के शोधकर्ता नवीन समाधानों के साथ उद्योग की चुनौतियों का समाधान करते हैं। इस तरह के सहयोग से उद्योग को लाभ होता है और भारत की तकनीकी क्षमताएं मजबूत होती हैं।”