टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 8,000 यानी 38 फीसदी आईआईटी छात्रों को अभी तक कैंपस प्लेसमेंट नहीं मिला है। दो साल पहले यह संख्या 3,400 (19%) थी।
Santosh Kumar | May 24, 2024 | 02:20 PM IST
नई दिल्ली: एक समय था जब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में प्रवेश का मतलब शानदार करियर की गारंटी होता था। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 23 आईआईटी संस्थानों के 8,000 से ज्यादा छात्रों को कैंपस प्लेसमेंट के जरिए नौकरी नहीं मिल पाई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के आधार पर यह जानकारी किसी और ने नहीं बल्कि आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र और प्लेसमेंट कंसल्टेंट धीरज सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन के जरिए साझा की है।
उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि इस साल 8,000 यानी 38 फीसदी आईआईटी छात्रों को अभी तक कैंपस प्लेसमेंट नहीं मिला है। दो साल पहले यह संख्या 3,400 (19%) थी। इसके अलावा धीरज सिंह ने 23 आरटीआई (सूचना का अधिकार), वार्षिक रिपोर्ट, मीडिया रिपोर्ट और छात्र अंतर्दृष्टि के आधार पर 3 साल का प्लेसमेंट डेटा साझा किया। इसे आप नीचे तालिका के माध्यम से भी समझ सकते हैं-
वर्ष | प्लेसमेंट हेतु पंजीकरण | प्लेसमेंट (संख्या) | कोई प्लेसमेंट नहीं (संख्या) | माध्य सीटीसी |
---|---|---|---|---|
2024 | 21,500 | 13,410 | 8,090 | - |
2023 | 20,000 | 15,830 | 4,170 | 17.1 एलपीए |
2022 | 17,900 | 14,490 | 3,410 | 17.2 एलपीए |
आईआईटी दिल्ली ने अपने पूर्व छात्रों को मेल कर मौजूदा बैच में भर्ती में मदद मांगी है या कंपनियों को इंजीनियरों की नियुक्ति के लिए स्नातकों की सिफारिश की है। आईआईटी-बॉम्बे और बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस ने भी अपने पूर्व छात्रों से मदद मांगी है।
आरटीआई प्रतिक्रियाओं के अनुसार, दिल्ली में शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए प्लेसमेंट सत्र समाप्त होने वाला है। तमाम कोशिशों के बावजूद करीब 400 छात्रों को अब तक नौकरी नहीं मिल पाई है। आईआईटी-दिल्ली अब अपने प्रतिष्ठित पूर्व छात्र नेटवर्क से सहायता मांग रहा है।
इस मुद्दे पर बिट्स ग्रुप के वीसी वी रामगोपाल राव ने कहा है कि हर जगह प्लेसमेंट में 20-30% की गिरावट आई है... चैटजीपीटी और बड़े भाषा मॉडल ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है... कई देशों में चुनाव चल रहे हैं, इसलिए कंपनियां इंतजार कर रही हैं।
आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र धीरज सिंह ने बताया कि आमतौर पर स्नातक करने वाले 70-80% लोग प्लेसमेंट के लिए देखते हैं। उपरोक्त डेटा केवल उन लोगों के लिए ही है। शेष 20-30% उच्च अध्ययन, सिविल सेवा, उद्यमिता आदि जैसे विकल्प अपनाते हैं।
सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ आईआईटी स्नातक 1 से 2 करोड़ रुपये से अधिक के पैकेज हासिल कर रहे हैं, जबकि विभिन्न मीडिया रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि कुछ वार्षिक पैकेज ₹10 लाख से कम हो रहे हैं, जिसमें वेतन 3.6 से 6 लाख रुपये तक है।
सिंह ने आईआईटी निदेशकों से रोलिंग प्लेसमेंट शुरू करने का आग्रह किया ताकि गैर-स्थानापन्न छात्र अगले सत्र में प्लेसमेंट के लिए बैठ सकें और पूर्व छात्रों/संघ से गैर-स्थानापन्न छात्रों के लिए काम के अवसर तलाश सकें। उन्होंने वंचित छात्रों के माता-पिता से भी आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को आवश्यक भावनात्मक समर्थन प्रदान करें जो इस मुद्दे पर चर्चा करने में अनिच्छुक हो सकते हैं।
प्लेसमेंट सलाहकार ने छात्रों को आगे सलाह दी, “प्रिय अनप्लेस्ड छात्रों, कृपया इस कठिन अवधि का उपयोग अपने मूल मूल्यों और शक्तियों के साथ अपने कैरियर के लक्ष्यों को प्रतिबिंबित करने और संरेखित करने के लिए करें। और फिर अपने करियर प्लान पर काम करें। आने वाले दिनों में आपको सफलता जरूर मिलेगी।"
स्रोत- टाइम्स ऑफ इंडिया