Saurabh Pandey | February 5, 2024 | 04:59 PM IST | 1 min read
आईआईटी मद्रास में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर जी राजेश और उनकी टीम के शोधकर्ता दो वर्ष के भीतर स्मार्ट एम्युनिशन को विकसित करेंगे।

नई दिल्ली: आईआईटी मद्रास भारत के पहले स्वदेशी 155 एमएम स्मार्ट एम्युनिशन को बेहतर तरीके से विकसित करने के लिए रक्षा क्षेत्र की इकाई म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड के साथ मिलकर काम करने जा रहा है। इसका मकसद पहले से बनाए गए 155 एमएम स्मार्ट एम्युनिशन शेल की मारक क्षमता को 50 गुना बढ़ाना है। वर्तमान समय में भारत में विकसित गोला-बारूद की संंभावित वृत्तीय त्रुटि (सर्कुलर एरर प्रोबेबल) 500 मीटर तक है।
म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है। इसका काम सेना, नौसेना, वायु सेना और अर्धसैनिक बलों के लिए गोला-बारूद और विस्फोटकों के निर्माण में मदद करना है। इस परियोजना के बारे में म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, आईओएफएस रवि कांत ने बताया कि एमआईएल ने दो वर्षों के भीतर ग्लोबल डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में अपनी खास जगह बनाई है। हम इसके गठन के बाद विश्व स्तरीय घातक गोला-बारूद को बनाने के लिए आईआईटी मद्रास के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्साहित हैं।
यह देश के लिए 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ी छलांग होगी। हमें विश्वास है कि पारंपरिक गोला-बारूद निर्माण में एमआईएल की ताकत और मार्गदर्शन प्रणाली विकसित करने में आईआईटी मद्रास का सहयोग प्रौद्योगिकियों के साथ आधुनिक गोला-बारूद निर्माण में एमआईएल के प्रवेश के लिए राह आसान होगी।।
इंडियन स्मार्ट एम्युनिशन के महत्वपूर्ण फीचर