Abhay Pratap Singh | August 8, 2025 | 03:47 PM IST | 2 mins read
शिक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में मानेकशॉ केंद्र सशस्त्र बलों, सुरक्षा एजेंसियों और शैक्षणिक, अनुसंधान संस्थानों के बीच की खाई को पाटने के लिए एकल खिड़की संचार के रूप में कार्य करेगा।
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी (IIT Guwahati) पूरे देश में रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा अनुसंधान के लिए नोडल केंद्र स्थापित करने की पहल का नेतृत्व कर रहा है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में स्थापित और आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक प्रो देवेंद्र जलिहाल के नेतृत्व में “मानेकशॉ सेंटर” अगली पीढ़ी की शिक्षा, नवाचार, उत्पादीकरण, विनिर्माण और अनुसंधान-आधारित परामर्श व संचालन की दिशा में काम कर रहा है।
आधिकारिक बयान में कहा गया कि, “इस पहल को समर्थन देने के लिए आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक प्रोफेसर देवेंद्र जलिहाल के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा अनुसंधान के लिए देश के प्रमुख भारतीय संस्थानों में नोडल केंद्रों की स्थापना के बारे में जानकारी दी।”
आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक प्रो देवेंद्र जलिहाल ने कहा, “मानेकशॉ केंद्र भारतीय शिक्षा जगत और रक्षा बलों के बीच एक कड़ी का काम करेगा। आईआईटी, आईआईएससी, आईआईआईटी और एनआईटी इस केंद्र के सदस्य होंगे। यह केंद्र समय-समय पर रक्षा एजेंसियों के साथ संवाद करेगा और भारतीय सुरक्षा आवश्यकताओं के लिए प्रणालियों को परिभाषित और डिजाइन करने में सक्रिय रूप से भाग लेगा।”
प्रोफेसर जलिहाल ने आगे कहा, “आईआईटी गुवाहाटी मानेकशॉ सेंटर भारतीय समाधान खोजने की दिशा में काम करेगा और इस प्रकार आत्मनिर्भर भारत की आकांक्षा को पूरा करेगा।” इस बैठक में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के सचिव विनीत जोशी और संयुक्त सचिव सौम्या गुप्ता भी उपस्थित थीं।
संस्थानों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस पहल के प्रति अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा की उभरती चुनौतियों का समाधान करने के लिए शिक्षा जगत, रक्षा, सशस्त्र बलों, सुरक्षा एजेंसियों और उद्योगों को एक साथ लाने वाले एक मजबूत नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में मानेकशॉ केंद्र का समर्थन करने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, “भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत मिशन के साथ संरेखित, यह दूरदर्शी पहल रक्षा प्रौद्योगिकी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर केंद्रित एक सहयोगी शैक्षणिक और अनुसंधान मंच पर आईआईटी, आईआईएससी, आईआईआईटी और एनआईटी को एकजुट करेगी।”
आईआईटी के बीच सहयोग के लिए इस नोडल केंद्र की स्थापना का विचार लेफ्टिनेंट जनरल डॉ सुब्रत साहा (सेवानिवृत्त) और आईआईटी गुवाहाटी के प्रशासन के डीन प्रो सुकुमार नंदी द्वारा प्रस्तुत किया गया था। वर्तमान में मानेकशॉ केंद्र में शामिल आईआईसी सहित अन्य संस्थानों की जांच नीचे कर सकते हैं। जल्द ही और अधिक संस्थानों के इसमें शामिल होने की उम्मीद है।