Santosh Kumar | December 23, 2025 | 03:06 PM IST | 1 min read
आईआईटी दिल्ली के शोधकर्ताओं ने डेनमार्क और जर्मनी के अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इस एआई एजेंट को विकसित किया है।

नई दिल्ली: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) दिल्ली ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता हासिल की है। संस्थान ने 'AILA' नाम का एआई एजेंट विकसित किया है जो इंसानी वैज्ञानिकों की तरह ही अपने आप वैज्ञानिक प्रयोगों की योजना बनाने, उन्हें करने और उनका विश्लेषण करने में सक्षम है। आईआईटी दिल्ली के शोधकर्ताओं ने डेनमार्क और जर्मनी के अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इस एआई एजेंट को विकसित किया है।
अब तक, चैटजीपीटी जैसे एआई मॉडल मुख्य रूप से डिजिटल असिस्टेंट के तौर पर काम करते थे लेकिन अब आर्टिफिशियली इंटेलिजेंट लैब असिस्टेंट (AILA) असली लैब में जाकर, इंसान साइंटिस्ट की तरह, साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट कर सकता है।
आईआईटी दिल्ली के पीएचडी स्कॉलर इंद्रजीत ने कहा, "पहले, हाई-रिज़ॉल्यूशन, नॉइज़-फ्री इमेज के लिए माइक्रोस्कोप के पैरामीटर को ऑप्टिमाइज़ करने में पूरा दिन लग जाता था। अब, वही काम सिर्फ 7-10 मिनट में पूरा हो जाता है।"
यह रिसर्च एटॉमिक फोर्स माइक्रोस्कोप (एएफएम) पर केंद्रित थी, जो एडवांस्ड इंस्ट्रूमेंट है जो बहुत छोटे पैमाने पर मटेरियल की जांच करता है। खास बात यह है कि AILA अब इस जटिल डिवाइस को कंट्रोल कर सकता है।
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एक्सपेरिमेंट के दौरान रियल-टाइम फैसले ले सकता है, और नतीजों का एनालिसिस कर सकता है। प्रो. नित्या नंद गोस्वामी ने कहा, "एटॉमिक फोर्स माइक्रोस्कोप मटेरियल रिसर्च में सबसे जटिल और संवेदनशील साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स में से एक है।"
प्रोफेसर नित्या नंद गोस्वामी ने कहा, यह रिसर्च कई मेहनती रिसर्चर्स के सहयोग से संभव हो पाई। योगदान देने वाली टीम के सदस्यों में जितेंद्र सोनी (आईआईटी दिल्ली) और ज़ाकी (आईआईटी दिल्ली) शामिल हैं।
प्रोजेक्ट टीम में मोर्टेन एम. स्मेडस्केयर (आलबोर्ग यूनिवर्सिटी, डेनमार्क), कैटरिन वोंड्राज़ेक (लाइबनिज़ इंस्टीट्यूट ऑफ़ फोटोनिक टेक्नोलॉजी, जर्मनी), और लोथर वोंड्राज़ेक (यूनिवर्सिटी ऑफ़ जेना, जर्मनी) भी शामिल हैं।