इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली और सिस्ट्रा ग्रुप ने सतत विकास लक्ष्यों को आगे बढ़ाने वाले अनुसंधान पर सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।
Abhay Pratap Singh | September 3, 2024 | 03:38 PM IST
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (IIT Delhi) और सिस्ट्रा ग्रुप ने सतत विकास लक्ष्यों को समर्थन एवं बढ़ावा देने वाले विभिन्न अनुसंधान पहलुओं को आगे बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। सिस्ट्रा ग्रुप सार्वजनिक परिवहन एवं गतिशीलता समाधान में विशेषज्ञता रखने वाली अग्रणी वैश्विक इंजीनियरिंग एवं कंसल्टिंग फर्म है।
इस समझौता ज्ञापन (MoU) के तहत आईआईटी दिल्ली के वैज्ञानिक और सिस्ट्रा ग्रुप रेल ट्रैक्शन पावर ऑप्टिमाइजेशन के लिए इंटेलिजेंट स्काडा, ईवी: फर्स्ट/लास्ट माइल कनेक्टिविटी और भूमिगत संरचनाओं के भूकंपीय विश्लेषण और डिजाइन जैसे क्षेत्रों की तकनीकी क्षमता को अनलॉक करने का प्रयास करेंगे।
समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि आईआईटी दिल्ली और सिस्ट्रा के बीच यह सहयोग प्रौद्योगिकी विकास, उद्योग के विकास और स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
आईआईटी दिल्ली के फैकल्टी प्रोफेसर अर्पण चट्टोपाध्याय (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग), प्रोफेसर कृष्णा सिरोही (भारती स्कूल ऑफ टेलीकम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट) और प्रोफेसर जीवी रमना (सिविल इंजीनियरिंग विभाग) इस समझौता ज्ञापन के तहत पहचाने गए विभिन्न अनुसंधान कार्यक्षेत्रों का नेतृत्व करेंगे।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करते हुए आईआईटी दिल्ली के कॉर्पोरेट रिलेशंस की डीन प्रोफेसर प्रीति रंजन पांडा ने कहा, “हमें सिस्ट्रा के साथ इस साझेदारी पर खुशी है, यह एक ऐसा सहयोग है जो अग्रणी अनुसंधान और तकनीकी नवाचार के लिए आईआईटी दिल्ली के समर्पण को दर्शाता है। हम साथ मिलकर भारत में प्रौद्योगिकी के भविष्य में प्रभावशाली योगदान देने के लिए तत्पर हैं।”
भारत में सिस्ट्रा ग्रुप के सीटीओ इंडिया डॉ. निशीथ गुप्ता ने कहा, “यह साझेदारी आपसी हित के अधिक सहयोग चैनलों की खोज करेगी, जिससे नवाचार और नवीन प्रौद्योगिकियों के विचार को बढ़ावा मिलेगा।”
भारत में सिस्ट्रा ग्रुप के सीईओ हरि सोमलराजू ने कहा, “हमारे सीएसआर पहल के हिस्से के रूप में आईआईटी दिल्ली के साथ यह सहयोग अकादमिक उत्कृष्टता को औद्योगिक नवाचार के साथ मिलाने को दर्शाता है। विचारों, ज्ञान और प्रतिभा का गतिशील आदान-प्रदान, जो अभूतपूर्व परियोजनाओं की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और उद्योग के विकास में योगदान देगा।”