आईआईटी दिल्ली ने एम्स के साथ मिलकर हेल्थकेयर में एआई-सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए साइन किया एमओयू
Saurabh Pandey | June 4, 2025 | 02:41 PM IST | 2 mins read
एम्स दिल्ली से इस पहल का नेतृत्व करने वाली मुख्य परियोजना प्रबंधक डॉ. कृतिका रंगराजन ने कहा कि इस नए क्षेत्र में कदम रखते हुए, हम स्वास्थ्य सेवा और प्रौद्योगिकी के बीच के संबंध को दिशा देने के लिए तत्पर हैं।
नई दिल्ली : आईआईटी दिल्ली और एम्स दिल्ली ने हेल्थकेयर में एआई के लिए एक्सीलेंसी सेंटर (एआई-सीओई) स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। आईआईटी दिल्ली में आयोजित एक समारोह में एम्स दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर एम. श्रीनिवास और आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी ने एमओयू पर साइन किए।
एआई-सेंटर ऑफ एक्सीलेंसी देश में प्रमुख राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सपोर्ट करने के लिए एआई-आधारित समाधान विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। पिछले साल, दोनों संस्थानों को "Make AI in India, Make AI Work for India" पहल के तहत शिक्षा मंत्रालय द्वारा 330 करोड़ का अनुदान दिया गया था।
एम्स दिल्ली के निदेशक प्रो. एम. श्रीनिवास ने कहा-
एम्स दिल्ली के निदेशक प्रो. एम. श्रीनिवास ने इस पहल में अपना उत्साह और विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह एमओयू सहयोगी अनुसंधान की शुरुआत का प्रतीक है, जिसमें देश में स्वास्थ्य सेवा की सूरत बदलने की क्षमता है। आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने भी इस भावना को दोहराया और कहा कि एम्स और आईआईटी दिल्ली के बीच साझेदारी में किफायती स्वास्थ्य सेवा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बदलने की क्षमता है।
एम्स दिल्ली से इस पहल का नेतृत्व करने वाली मुख्य परियोजना प्रबंधक डॉ. कृतिका रंगराजन ने कहा कि इस नए क्षेत्र में कदम रखते हुए, हम स्वास्थ्य सेवा और प्रौद्योगिकी के बीच के संबंध को दिशा देने के लिए तत्पर हैं। हम इस प्रयास के केंद्र में मरीजों को रखने पर ध्यान केंद्रित करते हैं और ऐसी व्यवस्था बनाने की उम्मीद करते हैं, जिससे देश के हर नागरिक को लाभ हो।
आईआईटी दिल्ली के प्रो. चेतन अरोड़ा ने कहा-
आईआईटी दिल्ली से एआई-सीओई का नेतृत्व करने वाले मुख्य परियोजना प्रबंधक प्रो. चेतन अरोड़ा ने कहा कि हम इस एआई-सीओई का हिस्सा बनकर उत्साहित हैं। सीओई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख अनुसंधान और संसाधन केंद्र के रूप में काम करेगा और इसका उद्देश्य स्वदेशी रूप से विकसित एआई सिस्टम और समाधानों का उपयोग करके राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में क्रांति लाना है।
प्रोफेसर अरोड़ा ने कहा कि आईआईटी दिल्ली और एम्स दिल्ली के बीच मजबूत अनुसंधान सहयोग का इतिहास रहा है और हमें उम्मीद है कि एआई-सीओई न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर स्वास्थ्य सेवा और एआई प्रौद्योगिकी अनुसंधान के बीच सहयोग का एक नया मॉडल स्थापित करेगा।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- दिल्ली का भलस्वा स्लम: आधार कार्ड और गंदगी से गुम हुई शिक्षा
- Nobel Prize in Economics 2025: जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को मिलेगा अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
- भारत में 33 लाख से अधिक छात्र एकल-शिक्षक स्कूलों पर निर्भर, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नामांकन
- Nobel Peace Prize 2025: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार, 10 दिसंबर को समारोह
- Nobel Prize in Chemistry 2025: सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, उमर एम याघी को मिलेगा केमिस्ट्री का नोबेल प्राइज
- Nobel Prize in Physics 2025: जॉन क्लार्क, माइकल एच डेवोरेट और जॉन एम मार्टिनिस को मिला भौतिकी का नोबेल प्राइज
- CAT 2025: कैट परीक्षा 30 नवंबर को 3 पाली में; 2 महीने में कैसे करें तैयारी? जानें एग्जाम पैटर्न, चयन प्रक्रिया
- UP News: यूपी में वजीफा से वंचित 5 लाख से अधिक छात्रों को दिवाली से पहले मिलेगी छात्रवृत्ति, सीएम योगी ने कहा
- NIRF Ranking 2025: यूनिवर्सिटी श्रेणी में डीयू 5वें स्थान पर, टॉप 20 में दिल्ली विश्वविद्यालय के 10 कॉलेज
- NIRF MBA Ranking 2025: आईआईएम अहमदाबाद शीर्ष पर बरकरार, आईआईएम लखनऊ की टॉप 5 में वापसी, देखें लिस्ट