Employment News: मोदी सरकार में बेरोजगारी सबसे बड़ा अभिशाप रही - कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे

खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार चाहे जितनी लीपापोती कर ले यह सच्चाई नहीं बदल सकती कि लाखों नौकरी चाहने वालों को रोजाना बहुत कम नौकरियों के साथ सड़क पर संघर्ष करना पड़ता है।

'प्रति वर्ष दो करोड़ नौकरियों का जुमला हर भारतीय के साथ विश्वासघात का प्रतीक है।' - खड़गे (स्त्रोत-आधिकारिक 'एक्स'/मल्लिकार्जुन खड़गे)

Press Trust of India | August 14, 2024 | 02:02 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार में बेरोजगारी सबसे बड़ा अभिशाप रही है और प्रति वर्ष दो करोड़ नौकरियों का जुमला हर भारतीय के साथ विश्वासघात का प्रतीक है। खड़गे ने बेरोजगारी से जुड़ी एक खबर को लेकर सरकार पर निशाना साधा, जिसमें कहा गया है कि मुंबई पुलिस में कांस्टेबल के 1,257 पदों के लिए 1.11 लाख महिलाओं ने आवेदन किया है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘एक्स’ पर किए गए पोस्ट में कहा, “मोदी सरकार में बेरोजगारी सबसे बड़ा अभिशाप रही है। मोदी सरकार एक हास्यास्पद पीआर अभियान के रूप में संदिग्ध रोजगार डेटा का उपयोग कर रही है, जिसे ‘अवैतनिक श्रम’ और ‘प्रति सप्ताह एक घंटे के काम’ की गणना करके बेहद बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है।”

उन्होंने कहा कि सूरत का प्रसिद्ध हीरा उद्योग मंदी का सामना कर रहा है और कंपनियों ने अपने 50,000 कर्मचारियों के लिए ‘10 दिन की छुट्टी’ की घोषणा की है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, “महाराष्ट्र, जहां 1.11 लाख महिलाओं ने मुंबई पुलिस में कांस्टेबल के 1,257 पदों के लिए आवेदन किया था, उनमें से कई को बच्चों के साथ फुटपाथ पर रात बिताने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह बेरोजगारी की गंभीर स्थिति की याद दिलाता है।”

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खड़गे ने दावा किया कि ‘डायमंड वर्कर्स यूनियन गुजरात’ द्वारा 15 जुलाई को शुरू किए गए आत्महत्या से संबंधित हेल्पलाइन नंबर पर उन लोगों से 1,600 से अधिक कॉल प्राप्त हुए हैं, जिन्होंने या तो अपनी नौकरी खो दी है या कम वेतन पा रहे हैं, जिससे उनके घर की वित्तीय स्थिति खराब हो गई है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “पिछले महीने, हमने देखा कि कैसे मुंबई हवाई अड्डे पर लोडर के पद की 2,216 रिक्तियों के लिए 25,000 से अधिक लोग पहुंच गए थे। ऐसा ही भगदड़ जैसा दृश्य गुजरात के भरूच में देखा गया, जहां एक निजी कंपनी में 10 पद के लिए 1,800 लोग पहुंचे।”

उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार की कोई भी लीपापोती इस सच्चाई को नहीं बदल सकती कि लाखों नौकरी चाहने वालों को बहुत कम नौकरियों के साथ रोजाना सड़क पर संघर्ष करना पड़ता है। खड़गे ने आरोप लगाया, “प्रति वर्ष दो करोड़ नौकरियों का भाजपा का जुमला हर भारतीय के साथ विश्वासघात का प्रतीक है।”

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