Abhay Pratap Singh | August 17, 2025 | 03:33 PM IST | 2 mins read
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व और सशक्त समर्थन से देश की प्रतिभाशाली युवाशक्ति तकनीक, नवाचार और उद्यमिता के नए आयाम स्थापित कर एक ‘समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण में अहम भूमिका निभाएगी।
नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन में किए गए आत्मनिर्भरता के आह्वान को आगे बढ़ाते हुए आज यानी 17 अगस्त को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आईआईटी दिल्ली के छात्रों से संवाद किया। इस दौरान आत्मनिर्भरता की अनिवार्यता, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को साकार करने के लिए सामूहिक प्रयास की अहमियत और 2047 तक ‘समृद्ध भारत’ के विजन को पूरा करने पर विशेष जोर दिया।
प्रधान ने कहा, “छात्रों से उनके सपनों और आकांक्षाओं, अनुसंधान के क्षेत्रों, मौजूदा तकनीकी चुनौतियों और पीएम मोदी द्वारा बताए गए अवसरों एवं चुनौतियों पर उनके दृष्टिकोण को जानने का अवसर मिला। साथ ही, क्षमताओं को बढ़ाने और नवाचार की भावना को विस्तार देने पर अपने विचार भी साझा किए।”
आगे कहा कि, उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित किया कि वे अपने नवाचारपूर्ण विचार सामने लाएं, चुनौतियों पर कार्य करें और तब तक निरंतर प्रयासरत रहें जब तक हम हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल न कर लें। पीएम मोदी की सरकार भारत के नवप्रवर्तकों और शोधकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए उज्ज्वल भविष्य तैयार जा सके और भारत को वैश्विक समाधान केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सके।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “मुझे विश्वास है कि हमारी युवा शक्ति की प्रतिभा, दृढ़ता और संकल्प, आत्मनिर्भरता की दिशा में उनके प्रयासों के साथ मिलकर भारत की क्षमताओं को मजबूत करने के साथ-साथ उसकी तकनीकी और आर्थिक संप्रभुता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।”
प्रधान ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर लिखा, “समय को भी मोड़ देने का, यही समय है, सही समय है।” बता दें कि, भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान दिल्ली के छात्रों के साथ संवाद कार्यक्रम के दौरान शिक्षा धर्मेंद्र प्रधान ने ब्रेक-फास्ट भी किया।
धर्मेंद्र प्रधान में एक अन्य पोस्ट में कहा कि, “हमारे आईआईटी संस्थान आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन से हमारे प्रतिभाशाली युवाशक्ति प्रौद्योगिकी, नवाचार और उद्यमिता के नियमों को नए सिरे से लिखेंगे और एक 'समृद्ध एवं आत्मनिर्भर भारत' का निर्माण करेंगे।”