स्कूल शिक्षा विभाग की बैठक में बोले धर्मेंद्र प्रधान, शिक्षा विकसित भारत के लक्ष्य का एक प्रमुख स्तंभ है

कार्यक्रम में बोलते हुए शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि एनईपी 2020 सबसे महत्वाकांक्षी और प्रगतिशील नीति दस्तावेज है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे जीईआर में सुधार करना और इसे 100 प्रतिशत तक ले जाना बेहद महत्वपूर्ण है।

शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी बोले-एनईपी 2020 सबसे महत्वाकांक्षी और प्रगतिशील नीति दस्तावेज है।शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी बोले-एनईपी 2020 सबसे महत्वाकांक्षी और प्रगतिशील नीति दस्तावेज है।

Saurabh Pandey | July 9, 2024 | 03:52 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की समीक्षा बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। सभा को शिक्षा राज्य मंत्री जयन्त चौधरी ने भी सम्बोधित किया। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार, अतिरिक्त सचिव, विपिन कुमार और आनंदराव वी. पाटिल, बैठक में मंत्रालय के अन्य अधिकारी, प्रधान सचिव/सचिव और कई राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के एसपीडी/निदेशक, एनसीईआरटी, एससीईआरटी, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सीबीएसई आदि के प्रमुख और प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पूरे भारत में स्कूली शिक्षा के समग्र विकास के लिए अगले पांच वर्षों के रोडमैप पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के दृष्टिकोण का एक प्रमुख स्तंभ है और उन्होंने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया।

Background wave

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लगभग चार वर्षों में, देश में शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र ने जबरदस्त प्रगति की है और एनईपी का कार्यान्वयन भारत को ज्ञान महाशक्ति में बदलने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक न्यायसंगत और समावेशी पहुंच को सक्षम करने की कुंजी है।

भारतीय भाषाओं में शिक्षा के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 मातृभाषा और सभी भारतीय भाषाओं में शिक्षा के महत्व पर जोर देती है। उन्होंने एनईपी की मूल भावना यानी शिक्षा में पहुंच, समानता, गुणवत्ता, सामर्थ्य और जवाबदेही सुनिश्चित करने को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री बोले-भारत एक युवा देश

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत एक युवा देश है और हमारी चुनौती 21वीं सदी की दुनिया के लिए वैश्विक नागरिक बनाना है जो तेजी से बदल रही है और प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित हो रही है। उन्होंने आगे कहा, एक ऐसी शिक्षा प्रणाली सुनिश्चित करना जो जड़ और भविष्य दोनों हो, हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने समग्र दृष्टिकोण के साथ स्कूलों में प्रौद्योगिकी तत्परता के निर्माण और छात्रों के बीच आलोचनात्मक सोच सुनिश्चित करने के महत्व पर भी जोर दिया।

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शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी बोले-एनईपी 2020 महत्वपूर्ण दस्तावेज

कार्यक्रम में बोलते हुए शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि एनईपी 2020 सबसे महत्वाकांक्षी और प्रगतिशील नीति दस्तावेज है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे जीईआर में सुधार करना और इसे 100% तक ले जाना बेहद महत्वपूर्ण है और आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े, आदिवासी समुदायों के छात्रों को औपचारिक शैक्षिक प्रणाली में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने मंत्रालय के अन्य महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों जैसे पीएम एसएचआरआई के बारे में भी बात की और राज्यों को कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया।

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