Education Budget 2025: मेडिकल सीट में बढ़ोतरी से छात्रों का विदेशों की तरफ रुख कम होगा: विशेषज्ञ

इंडिया एडटेक कंसोर्टियम ने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल की जरूरतों को पूरा करने और विदेश जाने वाले छात्रों की संख्या को कम करने के लिए यह निर्णय सही।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सरकार ने अगले पांच साल में 75,000 सीटें जोड़ने का लक्ष्य रखा है। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सरकार ने अगले पांच साल में 75,000 सीटें जोड़ने का लक्ष्य रखा है। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

Press Trust of India | February 2, 2025 | 04:45 PM IST

नई दिल्ली: शिक्षा विशेषज्ञों और हितधारकों ने अगले साल मेडिकल कॉलेजों में 10,000 नई सीटें जोड़ने की केंद्रीय बजट में सरकार की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या में कमी आएगी।

बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए किए गए अन्य प्रमुख उपायों में 5 नए आईआईटी में 6,500 अतिरिक्त छात्रों के लिए बुनियादी ढांचे का विस्तार, 10,000 नई मेडिकल सीटें और एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन शामिल है।

Education Budget 2025: 'छात्रों में विदेश जाने की इच्छा कम होगी'

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले पांच साल में 75,000 सीटें जोड़ने का लक्ष्य रखा है। इंडिया एडटेक कंसोर्टियम ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा की जरूरतों को पूरा करने और विदेश जाने वाले छात्रों की संख्या को कम करने के लिए सीटें बढ़ाना जरूरी है।

फिजिक्सवाला के सह-संस्थापक प्रतीक माहेश्वरी ने कहा, "नीट में 23 लाख से अधिक छात्र शामिल होते हैं, लेकिन केवल 1.1 लाख सीटें ही उपलब्ध हैं। अगर 5 साल में 75,000 मेडिकल सीटें बढ़ाई जाती हैं, तो इससे छात्रों का विदेश जाने का झुकाव कम होगा।"

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संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में कहा गया है कि चिकित्सा शिक्षा के अवसरों का वितरण भौगोलिक दृष्टि से असमान है। स्नातक स्तर पर 51 प्रतिशत सीटें और स्नातकोत्तर स्तर पर 49 प्रतिशत सीटें केवल दक्षिणी राज्यों में हैं।

इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में डॉक्टरों की संख्या अधिक है। एम्रोप इंडिया की मैनेजिंग पार्टनर प्रीति कुमार ने कहा कि आईआईटी, मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में क्षमता विस्तार के लिए बजट बढ़ाना भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में जरूरी कदम है।

कुमार ने कहा, "नए कार्यक्रमों और संस्थानों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले संकाय की अधिक आवश्यकता है।" असोका’ (एमबीडी ग्रुप) की प्रबंध निदेशक मोनिका मल्होत्रा कंधारी ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में अतिरिक्त सीट जुड़ जाने से मेडिकल शिक्षा और श्रमबल क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

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