DUSU Elections 2025: एबीवीपी, एनएसयूआई, वाम गठबंधन ने घोषणापत्र किया जारी; समावेशी परिसर के वादे किए

Santosh Kumar | September 14, 2025 | 01:17 PM IST | 2 mins read

एबीवीपी ने घोषणापत्र में सब्सिडी वाला मेट्रो पास, मुफ्त वाई-फाई, स्वास्थ्य बीमा और दिव्यांग छात्रों के लिए सुविधाओं का वादा किया है।

डीयू चुनाव के लिए एबीवीपी, एनएसयूआई और एसएफआई-आइसा गठबंधन ने अपने घोषणापत्र जारी किए। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के लिए एबीवीपी, एनएसयूआई और एसएफआई-आइसा गठबंधन ने अपने घोषणापत्र जारी कर दिए हैं। इन घोषणापत्रों में शिक्षा, सुलभता और छात्र कल्याण से जुड़े वादे किए गए हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने छात्रों से 5,000 से ज़्यादा सुझाव प्राप्त करने के बाद तैयार किए गए अपने घोषणापत्र में शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, खेल और रोज़गार के मुद्दों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।

एबीवीपी ने घोषणापत्र में सब्सिडी वाला मेट्रो पास, मुफ्त वाई-फाई, स्वास्थ्य बीमा और दिव्यांग छात्रों के लिए सुविधाओं का वादा किया है। साथ ही कहा कि उसका संगठन पूरे साल कैंपस में सक्रिय रहता है, सिर्फ चुनाव के समय नहीं।

एबीवीपी के डूसू अध्यक्ष पद के उम्मीदवार आर्यन मान ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य डीयू को वैश्विक संस्थान के रूप में स्थापित करना है।’’ नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया’ (एनएसयूआई) के घोषणापत्र में छात्र अधिकारों पर जोर दिया गया।

एनएसयूआई के घोषणापत्र में प्रमुख वादे

इसमें सुगम्य परिसर, दिव्यांग छात्रों के लिए 5,000 रुपये का मासिक भत्ता, विश्वविद्यालय समितियों में उनका प्रतिनिधित्व तथा पूर्वोत्तर एवं भाषाई अल्पसंख्यकों के छात्रों के लिए सहायता प्रणाली का प्रस्ताव है।

इसके अलावा, स्थायी परिसरों के लिए एनईपी की अस्वीकृति और अधिक सार्वजनिक वित्त पोषण जैसे मुद्दे भी घोषणापत्र में शामिल हैं। एनएसयूआई ने महिलाओं के लिए भी विशेष रूप से एक घोषणापत्र जारी किया।

इसमें सुरक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया गया तथा परिसर में समर्पित हेल्पलाइन, सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन, मासिक धर्म स्वास्थ्य जागरूकता अभियान और लैंगिक संवेदनशीलता का वादा किया गया।

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एसएफआई-आइसा गठबंधन ने जारी घोषणापत्र

एसएफआई-आइसा गठबंधन ने फीस बढ़ोतरी का विरोध करने, हर कॉलेज में शिकायत समितियां और लैंगिक संवेदनशीलता प्रकोष्ठ बनाने, और सभी के लिए समान अवसर और शिकायत निवारण तंत्र लागू करने का वादा किया।

इसने छात्राओं के लिए मासिक धर्म अवकाश देने का भी वादा किया। इसने एनईपी और 4 वर्षीय यूजी कार्यक्रम की आलोचना की और कहा कि मुख्य विषयों की पढ़ाई के बजाय समय मूल्यवर्धित पाठ्यक्रमों पर खर्च हो रहा है। डूसू चुनाव 18 सितंबर को होंगे।

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