UGC Guideline: यूजीसी गाइडलाइंस ड्रॉफ्ट में यूजी-पीजी डिग्री में साल में दो बार एडमिशन और डुअल प्रोग्राम शामिल

यूजी, पीजी डिग्री प्रदान करने के लिए यूजीसी गाइडलाइंस ड्रॉफ्ट में छात्रों को प्रमुख विषय में 50% क्रेडिट हासिल करने का विकल्प होगा।

ड्रॉफ्ट यूजीसी गाइडलाइंस में किया गया बदलाव। (स्त्रोत-आधिकारिक एक्स/एम जगदीश कुमार)
ड्रॉफ्ट यूजीसी गाइडलाइंस में किया गया बदलाव। (स्त्रोत-आधिकारिक एक्स/एम जगदीश कुमार)

Abhay Pratap Singh | December 5, 2024 | 05:42 PM IST

नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने ड्रॉफ्ट यूजीसी (स्नातक डिग्री और स्नातकोत्तर डिग्री प्रदान करने के लिए निर्देश के न्यूनतम मानक) विनियम, 2024 में बड़े बदलाव किए हैं। यूजीसी गाइडलाइंस ड्रॉफ्ट में दो बार एडमिशन और डुअल प्रोग्राम को शामिल किया गया है। वहीं, पात्रता मानदंड में भी छूट दी गई है।

नियमों में बड़े बदलावों के बारे में बताते हुए यूजीसी प्रमुख ममीडाला जगदीश कुमार ने कहा, “ड्रॉफ्ट यूजीसी विनियम 2024 का उद्देश्य छात्रों के लिए अधिक लचीलापन, अनुशासनात्मक कठोरता को समाप्त करना, समावेशिता और बहु-विषयक शिक्षण अवसर प्रदान करके भारत में उच्च शिक्षा को बदलना है। ये नियम उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) के लिए द्विवार्षिक प्रवेश की सुविधा प्रदान करते हैं, जिससे छात्रों को वर्ष में दो बार एडमिशन लेने की अनुमति मिलती है।”

यूजीसी चीफ ने आगे कहा, “हमने यूजी और पीजी प्रवेश के लिए पात्रता को स्कूली शिक्षा की कठोर अनुशासन-विशिष्ट आवश्यकताओं से अलग कर दिया है। इन नियमों के तहत छात्र अपनी पिछली अनुशासनात्मक योग्यता के बावजूद किसी भी कार्यक्रम में अध्ययन का चयन कर सकते हैं, बशर्ते वे संबंधित प्रवेश परीक्षाओं को पास करके अपनी योग्यता प्रदर्शित करें।”

ममीडाला जगदीश कुमार ने कहा, “एनईपी 2020 द्वारा प्रचारित विविध शिक्षण विधियों को मान्यता देते हुए ये नियम (Regulations) उच्च शिक्षा संस्थानों को छात्र उपस्थिति आवश्यकताओं को निर्धारित करने की स्वायत्तता प्रदान करते हैं तथा यह सुनिश्चित करते हैं कि वे उभरती हुई शैक्षणिक आवश्यकताओं के साथ संरेखित हों।”

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उन्होंने आगे कहा कि “इसके अतिरिक्त, छात्रों के पास अब अपने प्रमुख विषय में 50% क्रेडिट हासिल करने का विकल्प होगा, जबकि शेष क्रेडिट कौशल विकास, प्रशिक्षुता या बहु-विषयक विषयों को आवंटित किए जा सकते हैं, जिससे समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा। इन सुधारों के साथ, हम यह सुनिश्चित करते हैं कि भारतीय उच्च शिक्षा वैश्विक मानकों को पूरा करने के लिए विकसित हो, जबकि समावेशिता और विविध शिक्षार्थियों की आवश्यकताओं के अनुकूल बने रहे।”

UG and PG Regulations: ड्रॉफ्ट यूजीसी दिशा निर्देश

यूजीसी (यूजी और पीजी डिग्री प्रदान करने में निर्देशों के न्यूनतम मानक) विनियम 2024 के ड्रॉफ्ट में किए गए बदलाव नीचे जांच सकते हैं:

साल में दो बार एडमिशन - द्विवार्षिक प्रवेश (Biannual Admissions) के लिए तैयार उच्च शिक्षा संस्थान (HEI) साल में दो बार जुलाई/अगस्त और जनवरी/फरवरी में छात्रों को प्रवेश दे सकते हैं।

छात्र प्रवेश के लिए लचीलापन - संबंधित राष्ट्रीय या विश्वविद्यालय स्तर की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्र कक्षा 12 या यूजी में अपने पूर्व विषय की परवाह किए बिना किसी भी यूजी या पीजी कार्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं।

बहु प्रवेश और निकास विकल्प - ड्राफ्ट रेगुलेशन बहु प्रवेश और निकास विकल्प, सतत रचनात्मक मूल्यांकन, पूर्व शिक्षा की मान्यता (आरपीएल) और छात्रों के लिए एक साथ दो यूजी या पीजी कार्यक्रमों में अध्ययन करने की संभावना प्रदान करते हैं।

उपस्थिति में लचीलापन - राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत उच्च शिक्षा संस्थान विभिन्न कार्यक्रमों में छात्रों के लिए न्यूनतम उपस्थिति आवश्यकता का निर्धारण करेंगे, जो उनके वैधानिक निकायों द्वारा अनुमोदन के अधीन होगा।

यूजी डिग्री के लिए क्रेडिट आवश्यकताएं- किसी विशिष्ट विषय में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के लिए छात्रों को उस विषय में कुल क्रेडिट का न्यूनतम 50% प्राप्त करना होगा। शेष क्रेडिट कौशल पाठ्यक्रम, प्रशिक्षुता या बहु-विषयक विषयों के माध्यम हासिल किए जा सकते हैं।

डिग्री अवधि - यूजी डिग्री की अवधि तीन या चार साल होगी, कुछ मामलों में कम या अधिक अवधि की संभावना है। पीजी डिग्री आमतौर पर एक या दो साल की होगी।

Accelerated Degree Programme and Extended Degree Programme:

एक्सीलेरेटेड डिग्री प्रोग्राम (ADP) और एक्सटेंडेड डिग्री प्रोग्राम (EDP) के मुख्य प्रावधान नीचे देख सकते हैं:

  1. एडीपी और ईडीपी केवल स्नातक स्तर पर ही लागू होते हैं।
  2. उच्च शिक्षा संस्थान (HEI) स्वीकृत प्रवेश का 10% एडीपी के लिए निर्धारित कर सकते हैं, जिसमें ईडीपी के लिए कोई सीमा नहीं है।
  3. HEI द्वारा गठित समिति पहले या दूसरे सेमेस्टर में छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर उनकी क्रेडिट-पूरा करने की क्षमता का मूल्यांकन करेगी और ADP/EDP के लिए उनकी उपयुक्तता का आकलन करेगी।
  4. छात्रों के पास पहले सेमेस्टर या दूसरे सेमेस्टर के अंत में एडीपी/ईडीपी चुनने का विकल्प होगा, उसके बाद नहीं।
  5. एडीपी/ईडीपी में छात्र समान पाठ्यक्रम सामग्री और कुल क्रेडिट का पालन करेंगे, लेकिन कार्यक्रम को कम या अधिक समय में पूरा करेंगे।
  6. एडीपी और ईडीपी की डिग्री में एक नोट शामिल होगा, जिसमें यह बताया जाएगा कि मानक अवधि में आवश्यक शैक्षणिक आवश्यकताओं को कम या अधिक अवधि में पूरा किया गया है।

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