Saurabh Pandey | September 2, 2025 | 04:10 PM IST | 1 min read
इस तरह कुल 1800 पदों को मंजूरी दी गई है, जिसका उद्देश्य इन विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, प्रशासनिक कार्यों का कुशल संचालन तथा विद्यार्थियों को समुचित संसाधन उपलब्ध कराना है।
नई दिल्ली : बिहार सरकार के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग ने शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए डॉ. भीमराव अम्बेडकर 10+2 आवासीय विद्यालयों के लिए कुल 1800 नए पदों के सृजन की स्वीकृति प्रदान की है।
यह कदम अनुसूचित जाति (SC) एवं अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
इन 40 नवस्वीकृत आवासीय विद्यालयों में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों का सृजन किया गया है, जिसमें प्रधानाध्यापक के 40 पद, कक्षा 11-12 के लिए 760 विद्यालय अध्यापक, कक्षा 6-10 के लिए 360 विद्यालय अध्यापक, तथा कक्षा 1-5 के लिए 280 विद्यालय अध्यापक शामिल हैं। इसके अतिरिक्त गैर-शैक्षणिक वर्ग में 360 पदों का भी सृजन किया गया है।
इस तरह कुल 1800 पदों को मंजूरी दी गई है, जिसका उद्देश्य इन विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, प्रशासनिक कार्यों का कुशल संचालन तथा विद्यार्थियों को समुचित संसाधन उपलब्ध कराना है। इन पदों में शिक्षक से लेकर अन्य गैर-शैक्षणिक स्टाफ शामिल रहेंगे। इससे न केवल बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी, बल्कि बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग के अधीन हाल ही में स्वीकृत 40 नए आवासीय विद्यालयों में पढ़ाई शुरू करने का रास्ता साफ कर दिया है। इन विद्यालयों में कक्षा 10+2 तक की पढ़ाई होगी।
बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने सात जिलों में नए मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इन जिलों में - किशनगंज, कटिहार, रोहतास, शिवहर, लखीसराय, अरवल और शेखपुरा शामिल हैं। इससे राज्य के विभिन्न हिस्सों में चिकित्सा सुविधाओं में काफी सुधार होगा और लोगों को इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।