Abhay Pratap Singh | August 13, 2025 | 11:33 AM IST | 2 mins read
ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान द्वारा लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी गई है।
नई दिल्ली: दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय देश में गरीबी उन्मूलन के उद्देश्य से ग्रामीण गरीब युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए कौशल विकास के क्षेत्र में दो केंद्र प्रायोजित योजनाओं पर काम कर रहा है। इनमें दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY) और ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान (RSTI) शामिल है।
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY) 15 से 35 वर्ष आयु वर्ग के ग्रामीण गरीब युवाओं के लिए प्लेसमेंट से जुड़ा एक कौशल विकास कार्यक्रम है। डीडीयू-जीकेवाई प्रोग्राम ग्रामीण गरीब युवाओं को रोजगारपरक कौशल प्रदान करता है।
डीडीयू-जीकेवाई नियमित श्रम बाजारों में उनकी भागीदारी को सुगम बनाता है, जिससे उन्हें न्यूनतम मजदूरी के बराबर या उससे अधिक मासिक वेतन वाली नौकरियां मिलती हैं। डीडीयू-जीकेवाई दिशानिर्देश एससी/ एसटी (50%), महिलाओं (33%) और दिव्यांगजनों (5%) के सामाजिक समावेशन का प्रावधान करता है।
पीआईबी के अनुसार, “डीडीयू-जीकेवाई के अंतर्गत जून 2025 तक कुल 17.51 लाख अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 9.05 लाख महिलाओं (51.7%) को प्रशिक्षित किया गया है।” यह जानकारी ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान द्वारा लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी गई है।
ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (RSTI) एक बैंक-संचालित और ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित प्रशिक्षण संस्थान है, जिसकी स्थापना प्रायोजक बैंकों द्वारा अपने जिलों में कौशल व उद्यमिता विकास हेतु प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए की गई है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय आरएसईटीआई भवन के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है और ‘ग्रामीण गरीब’ अभ्यर्थियों के प्रशिक्षण का खर्च भी वहन करता है। 18-50 वर्ष की आयु का कोई भी बेरोजगार युवा, जो स्वरोजगार या वेतनभोगी रोजगार करने की इच्छा रखता है, आरएसईटीआई में प्रशिक्षण प्राप्त कर सकता है। कुछ प्रशिक्षित अभ्यर्थी नियमित वेतन वाली नौकरी/वेतनभोगी रोजगार भी प्राप्त कर सकते हैं।