याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व वकील मानसी भूषण, साक्षी शर्मा, संजना पटेल, अक्षित चौधरी, चेतन और अंकित चतुर्वेदी (एओआर) ने किया।
Santosh Kumar | December 5, 2024 | 05:35 PM IST
नई दिल्ली: क्लैट पीजी 2025 परीक्षा में शामिल हुए दो लॉ छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर परीक्षा में गड़बड़ी और मनमाने व्यवहार का आरोप लगाया है। याचिकाकर्ता अनम खान और आयुष अग्रवाल ने 1 दिसंबर को आयोजित परीक्षा में प्रक्रियागत विसंगतियों, उत्तर कुंजी में गलतियों और आपत्तियां दर्ज करने के लिए उच्च शुल्क पर चिंता जताई है।
याचिकाकर्ताओं अनम खान ने आरोप लगाया कि उनके साथ समान व्यवहार नहीं किया गया क्योंकि उन्हें प्रश्नपत्र और ओएमआर उत्तर पत्रक दोपहर 2 बजे के बाद प्राप्त हुए, जबकि निर्धारित समय दोपहर 1:50 बजे था।
याचिका में कहा गया है कि क्लैट परीक्षा के गलत संचालन के कारण याचिकाकर्ताओं के मौलिक अधिकारों का हनन हुआ है। इसके अलावा अभ्यर्थियों ने दावा किया कि क्लैट 2025 प्रोविजनल आंसर-की में कई गलतियां हैं
याचिका में कहा गया है कि उत्तर कुंजी में 12 प्रश्नों के उत्तर गलत हैं। याचिकाकर्ताओं ने आपत्तियां उठाने के लिए दी गई कम समय सीमा पर आपत्ति जताई है। क्योंकि 3 दिसंबर को शाम 4 बजे ऑनलाइन पोर्टल बंद कर दिया गया था।
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सीएनएलयू ने स्नातकोत्तर प्रवेश के लिए 1 दिसंबर 2024 को परीक्षा आयोजित की थी। प्रोविजनल उत्तर कुंजी 2 दिसंबर को जारी की गई थी। सीएनएलयू अंतिम उत्तर कुंजी 9 दिसंबर को और परिणाम 10 दिसंबर को घोषित करेगा।
इसे देखते हुए याचिकाकर्ताओं ने क्लैट 2025 के परिणाम और काउंसलिंग प्रक्रिया में देरी की मांग की है। उन्होंने आपत्ति जताई कि उम्मीदवारों को 12 उत्तरों पर आपत्ति उठाने के लिए 12,000 रुपये का भुगतान करना होगा।
याचिका में कहा गया है कि परीक्षा शुल्क के रूप में 4,000 रुपये की अत्यधिक राशि वसूलने के बावजूद, एनएलयू के कंसोर्टियम ने प्रति आपत्ति केवल 1,000 रुपये के भुगतान पर ही आपत्तियां स्वीकार कीं।