Abhay Pratap Singh | September 23, 2025 | 10:32 AM IST | 2 mins read
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय को गोद लिए गए 5 गांवों में स्मार्ट कक्षाओं की व्यवस्था करने तथा वहां के शिक्षकों को स्मार्ट कक्षाओं का सही उपयोग करने का प्रशिक्षण देने का भी निर्देश दिया।
नई दिल्ली: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (CCSU), मेरठ ने 22 सितंबर को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में अपना 37वां दीक्षांत समारोह सफलतापूर्वक आयोजित किया। इस वर्ष विश्वविद्यालय ने कुल 119,907 डिग्रियां और 187 मेधावियों को 245 पदक प्रदान किए।
सीसीएसयू ने छात्रों की डिजिटल पहुंच के लिए सभी डिग्रियों को डिजिलॉकर में अपलोड कर दिया है। ये डिग्रियां यूजी, पीजी और पीएचडी विद्यार्थियों को वितरित की गई हैं, इनमें 52,759 छात्र और 67,148 छात्राएं हैं। कुल पदकों में से एक छात्र को 4, पांच छात्रों को 3-3, 45 छात्रों को 2-2 और 136 छात्रों को 1-1 पदक प्रदान किए गए।
सीसीएस यूनिवर्सिटी के 37वें दीक्षांत समारोह में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के अध्यक्ष प्रो टीजी सीताराम बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय अति विशिष्ट अतिथि और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहीं।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने डिग्रियां और पदक प्राप्तकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि ये पदक विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत और समाज एवं राष्ट्र के प्रति उनकी जिम्मेदारी का प्रतीक हैं। इस दौरान राज्यपाल ने विद्यार्थियों से अपने ज्ञान का उपयोग जन कल्याण एवं राष्ट्रहित में करने का भी आग्रह किया।
उन्होंने कहा, “आज प्राप्त की जा रही डिग्री सिर्फ एक प्रमाणपत्र नहीं है, बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति छात्रों की ज़िम्मेदारियों की याद दिलाती है।” राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह के दौरान विभिन्न विश्वविद्यालय भवनों का ऑनलाइन उद्घाटन भी किया और एक प्राथमिक विद्यालय के पुस्तकालय के लिए पुस्तकें दान कीं।
मुख्य अतिथि टीजी सीताराम ने कहा कि दीक्षांत समारोह छात्रों के लिए एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि छात्रों को व्यक्तिगत उपलब्धियों को समाज और राष्ट्र से राष्ट्र सेवा के साथ जोड़ना चाहिए। वहीं, राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने छात्रों, विशेषकर छात्राओं को परिवार और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।
संस्थान के निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि मौजूदा परामर्शदाताओं के अलावा, 10 और ऐसे पेशेवर होंगे जो परिसर में घूमेंगे, छात्रों एवं शोधकर्ताओं से मित्र की तरह बातचीत करेंगे और उनके मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
Santosh Kumar