CBSE ने साल में दो बार परीक्षा आयोजित करने में असमर्थता की अफवाहों को बताया निराधार
Santosh Kumar | July 1, 2024 | 06:18 PM IST | 2 mins read
सीबीएसई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि इस मामले पर सीबीएसई के विचारों के संबंध में समाचार आइटम में लगाए गए आरोपों का खंडन किया जाता है।
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सोमवार, 1 जुलाई को उन अफवाहों पर सफाई दी जिसमें कहा गया था कि सीबीएसई साल में दो बार परीक्षा आयोजित नहीं कर सकता है। बोर्ड ने कहा कि इस विषय पर शिक्षा मंत्रालय (एमओई) के साथ कोई चर्चा नहीं हुई है। सीबीएसई ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया है जिसमें दावा किया गया है कि बोर्ड साल में दो बार परीक्षा आयोजित करने में असमर्थ है।
सीबीएसई ने कहा है कि यह प्रेस नोट 30 जून 2024 को 'हिंदुस्तान टाइम्स' में प्रकाशित खबर के संदर्भ में है, जिसका शीर्षक है "साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं नहीं करा सकते: सीबीएसई"। सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि यह खबर पूरी तरह से झूठी है। सीबीएसई और शिक्षा मंत्रालय के बीच ऐसा कोई संवाद नहीं हुआ है कि सीबीएसई साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं नहीं करा सकता।
सीबीएसई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि इस मामले पर सीबीएसई के विचारों के संबंध में समाचार आइटम में लगाए गए आरोपों का खंडन किया जाता है। सीबीएसई ने आगे कहा कि यह गलत है और मंत्रालय और सीबीएसई के बीच किए गए किसी भी संवाद में इसका कोई आधार नहीं है।
सीबीएसई ने यह भी कहा है कि 25 जून 2024 को उसने अपने हितधारकों के साथ बैठक बुलाई थी। इस बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) और स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा (एनसीएफ-एसई) की सिफारिशों को लागू करने के तरीकों पर चर्चा की गई। सीबीएसई ने स्पष्ट किया कि वह एनईपी 2020 और एनसीएफ-एसई की सिफारिशों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
बता दें कि इससे पहले कुछ मीडिया आउटलेट्स ने बताया था कि सीबीएसई ने शिक्षा मंत्रालय से कहा है कि कक्षा 10 और 12 के लिए साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करना असंभव है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बोर्ड ने तर्क दिया था कि चूंकि सीबीएसई स्कूल दुनिया भर में मौजूद हैं, इसलिए मौजूदा व्यवस्था और नीतियों में दो शिफ्टों में सीबीएसई बोर्ड परीक्षा आयोजित करना असंभव है।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- दिल्ली का भलस्वा स्लम: आधार कार्ड और गंदगी से गुम हुई शिक्षा
- Nobel Prize in Economics 2025: जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को मिलेगा अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
- भारत में 33 लाख से अधिक छात्र एकल-शिक्षक स्कूलों पर निर्भर, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नामांकन
- Nobel Peace Prize 2025: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार, 10 दिसंबर को समारोह
- Nobel Prize in Chemistry 2025: सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, उमर एम याघी को मिलेगा केमिस्ट्री का नोबेल प्राइज
- Nobel Prize in Physics 2025: जॉन क्लार्क, माइकल एच डेवोरेट और जॉन एम मार्टिनिस को मिला भौतिकी का नोबेल प्राइज
- CAT 2025: कैट परीक्षा 30 नवंबर को 3 पाली में; 2 महीने में कैसे करें तैयारी? जानें एग्जाम पैटर्न, चयन प्रक्रिया
- UP News: यूपी में वजीफा से वंचित 5 लाख से अधिक छात्रों को दिवाली से पहले मिलेगी छात्रवृत्ति, सीएम योगी ने कहा
- NIRF Ranking 2025: यूनिवर्सिटी श्रेणी में डीयू 5वें स्थान पर, टॉप 20 में दिल्ली विश्वविद्यालय के 10 कॉलेज
- NIRF MBA Ranking 2025: आईआईएम अहमदाबाद शीर्ष पर बरकरार, आईआईएम लखनऊ की टॉप 5 में वापसी, देखें लिस्ट