Santosh Kumar | April 29, 2025 | 05:58 PM IST | 2 mins read
बोर्ड ने सभी उम्मीदवारों की ओएमआर उत्तर पुस्तिका और आंसर की की स्कैन की गई कॉपी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दी है।
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने भर्ती परीक्षा 2025 के तहत जूनियर असिस्टेंट और सुपरिटेंडेंट के पदों के लिए आयोजित परीक्षा की आंसर की जारी कर दी है। परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थी सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in पर जाकर आंसर की चेक कर सकते हैं। जूनियर असिस्टेंट, सुपरिटेंडेंट भर्ती परीक्षा की आंसर की डाउनलोड करने का तरीका लेख में दिया गया है।
सीबीएसई भर्ती 2025 परीक्षा 20 अप्रैल 2025 को आयोजित की गई। बोर्ड ने परीक्षा में उपस्थित होने वाले सभी उम्मीदवारों की ओएमआर उत्तर पुस्तिका और आंसर की की स्कैन की गई कॉपी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दी है।
यह 29 अप्रैल से 2 मई, 2025 तक रात 11:59 बजे तक डाउनलोड के लिए उपलब्ध रहेगा। किसी भी विसंगति के मामले में उम्मीदवार वेबसाइट पर दिए गए लिंक के माध्यम से आंसर की को ऑनलाइन चुनौती भी दे सकते हैं।
प्रत्येक प्रश्न को चुनौती देने के लिए ₹1000 का शुल्क देना होगा। एक बार किया गया भुगतान वापस नहीं किया जाएगा। यदि किसी प्रश्न पर दी गई चुनौती को विषय विशेषज्ञों द्वारा सही पाया जाता है, तो बोर्ड शुल्क वापस कर देगा।
राशि उसी क्रेडिट/डेबिट कार्ड में वापस कर दी जाएगी जिसके माध्यम से भुगतान किया गया था, इसलिए उम्मीदवारों को अपने स्वयं के कार्ड का उपयोग करना चाहिए। सीबीएसई का निर्णय अंतिम होगा और उस पर आगे कोई विचार नहीं किया जाएगा।।
उम्मीदवार नीचे बताए गए स्टेप्स के माध्यम से सीबीएसई जूनियर असिस्टेंट, सुपरिटेंडेंट भर्ती परीक्षा की आंसर की डाउनलोड कर सकते हैं-
सीबीएसई जूनियर असिस्टेंट और सुपरिटेंडेंट पदों के लिए कुल 212 रिक्तियां जारी की गई हैं। इनमें से ग्रुप बी सुपरिंटेंडेंट पे लेवल-6 के लिए कुल 142 पद उपलब्ध हैं और ग्रुप सी जूनियर असिस्टेंट पे लेवल-2 के लिए कुल 70 सीटें जारी की गई हैं।
हालांकि, सीबीएसई के आधिकारिक नोटिस के अनुसार, आवश्यकता के आधार पर रिक्तियों में वृद्धि या कमी हो सकती है। उम्मीदवारों को किसी भी सीबीएसई कार्यालय में पोस्टिंग के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाएगा।
दिल्ली में बढ़ती फीस वृद्धि को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। दिल्ली विधानसभा में अधिनियम पारित होने के बाद, यह एक कानून बन जाएगा और निजी स्कूलों की फीस संरचनाओं पर सख्त नियम लागू करेगा।
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