CBSE 2025: सीबीएसई 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षाओं में 75% अटेंडेंस जरूरी, छात्रों के लिए गाइडलाइन जारी
सीबीएसई अटेंडेंस रिकॉर्ड को सत्यापित करने के लिए औचक निरीक्षण कर सकता है। अधूरे रिकॉर्ड या बार-बार अनुपस्थित रहने पर सख्त कार्रवाई हो सकती है, जिसमें स्कूल की मान्यता रद्द करना और छात्रों को बोर्ड परीक्षा से अयोग्य घोषित करना भी शामिल है।
Saurabh Pandey | October 11, 2024 | 03:42 PM IST
नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 2025 में आगामी बोर्ड परीक्षाओं के लिए अटेंडेंस गाइडलाइंस जारी किया है। बोर्ड ने स्कूलों को परीक्षा उपनियमों के बारे में रिमाइंड कराया है। छात्रों को बोर्ड परीक्षा के लिए पात्र होने के लिए 75% उपस्थिति अनिवार्य होगी। नियमों के अनुसार, बोर्ड केवल आपातकालीन मामलों जैसे चिकित्सा आपात स्थिति, राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में भागीदारी और अन्य गंभीर कारणों में 25% छूट देगा, इसके लिए छात्रों को आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे।
बोर्ड ने कम अटेंडेंस वाले छात्रों के लिए एक एसओपी साझा की है। इसमें उन दस्तावेजों को भी निर्दिष्ट किया गया है, जो स्कूलों को इन छात्रों और उनके माता-पिता से प्राप्त करने और माफी का अनुरोध करते समय क्षेत्रीय कार्यालय में जमा करना होगा। बोर्ड 1 जनवरी को छात्रों द्वारा जमा की गई अटेंडेंस की गणना करेगा और स्कूल 7 जनवरी तक कम अटेंडेंस की रिपोर्ट भेज सकते हैं।
CBSE Guidelines 2025: स्कूलों के लिए दिशानिर्देश
- छात्रों और अभिभावकों को अधिसूचना : स्कूलों को छात्रों और उनके अभिभावकों दोनों को 75% अटेंडेंस नियम और इसे को पूरा करने में विफल रहने के परिणामों के बारे में बताना होगा।
- छुट्टी की प्रक्रिया - जो छात्र बीमार पड़ जाते हैं, उन्हें मेडिकल डॉक्यूमेंट्स के साथ छुट्टी के लिए आवेदन करना होगा।
- अनुपस्थिति रिपोर्टिंग - छात्रों को किसी भी अनुपस्थिति के लिए लिखित सूचना देनी होगी, और स्कूलों को विस्तृत उपस्थिति रिकॉर्ड रखना चाहिए।
- अटेंडेंस मॉनिटरिंग - स्कूलों को अटेंडेंस रजिस्टर को प्रतिदिन अपडेट करना होगा और अटेंडेंस की बारीकी से निगरानी करना होगा। यदि कोई छात्र अक्सर कक्षाओं में नहीं शामिल हो रहा है, तो माता-पिता को संभावित परिणामों के बारे में लिखित रूप में सूचित किया जाना चाहिए।
सीबीएसई अटेंडेंस रिकॉर्ड को सत्यापित करने के लिए औचक निरीक्षण कर सकता है। अधूरे रिकॉर्ड या बार-बार अनुपस्थित रहने पर सख्त कार्रवाई हो सकती है, जिसमें स्कूल की मान्यता रद्द करना और छात्रों को बोर्ड परीक्षा से अयोग्य घोषित करना भी शामिल है।
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