शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए बोर्ड द्वारा 1 जनवरी से 14 फरवरी, 2025 तक सीबीएसई हाईस्कूल, इंटरमीडिएट प्रैक्टिकल परीक्षा 2025 आयोजित की जाएगी।
Abhay Pratap Singh | December 3, 2024 | 02:41 PM IST
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2025 की प्रैक्टिकल परीक्षा आयोजित करने के लिए दिशानिर्देश और मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की हैं। गाइडलाइंस के अनुसार, बोर्ड ने स्कूलों से परीक्षा तिथि से ही सभी प्रैक्टिकल परीक्षा, प्रोजेक्ट और आंतरिक मूल्यांकन के अंक एक साथ अपलोड करने को कहा है।
बोर्ड द्वारा जारी निर्देश में आगे कहा गया कि, आंतरिक और बाहरी परीक्षकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए की सही अंक अपलोड किए जाएं। अंक देते समय उन्हें प्रत्येक कंपोनेंट्स के लिए आवंटित अधिकतम अंकों को ध्यान में रखना चाहिए। वहीं, प्रैक्टिकल आंसर बुक में परीक्षकों को पोर्टल पर सही डेटा अपलोड करने का वचन भी देना होगा।
बोर्ड ने कहा, “परीक्षकों को किसी भी तरह से प्रभावित करने के उद्देश्य से उनसे संवाद करने या संवाद करने का प्रयास करने या परीक्षा/मूल्यांकन के दौरान अनुचित लाभ लेने के लिए किसी अन्य अवांछनीय साधन का उपयोग करने के दोषी पाए जाने वाले छात्रों को अनुचित साधनों का उपयोग/प्रयास करने का दोषी माना जाएगा।”
किसी भी स्कूल द्वारा बोर्ड के निर्देशों का पालन नहीं करने की स्थिति में सीबीएसई द्वारा प्रैक्टिकल परीक्षाएं रद्द की जा सकती हैं। बोर्ड अपनी निगरानी में प्रैक्टिकल परीक्षा आयोजित करने पर पुनर्विचार कर सकता है।
सीबीएसई ने स्पष्ट किया कि आई.ए. में छात्रों को दिए गए अंक, सैद्धांतिक परीक्षा में प्राप्त अंकों के समान ही मान्य हैं, इसलिए किसी भी परिस्थिति में छात्रों या किसी अन्य व्यक्ति को इनका खुलासा नहीं किया जाना चाहिए।
1) सीबीएसई कोई बाहरी परीक्षक नियुक्त नहीं करेगा।
2) सीबीएसई प्रैक्टिकल उत्तर पुस्तिकाएं उपलब्ध नहीं कराएगा, स्कूलों को खुद ही इनकी व्यवस्था करनी होगी।
3) छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं क्षेत्रीय कार्यालय में भेजने की जरूरत नहीं है।
1) सीबीएसई प्रैक्टिकल परीक्षाओं की निगरानी के लिए स्कूलों में पर्यवेक्षक नियुक्त कर सकता है।
2) सीबीएसई प्रत्येक स्कूल में प्रायोगिक परीक्षा और प्रोजेक्ट मूल्यांकन के लिए बाहरी परीक्षकों की नियुक्ति करेगा।
3) स्कूल को ऐसे सभी विषयों में पर्याप्त अनुभव और विशेषज्ञता वाले एक आंतरिक परीक्षक की नियुक्ति करनी होगी।
4) स्कूल के प्रिंसिपल या प्रमुख को प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए प्रयोगशाला तैयार करवानी होगी।
5) बाहरी परीक्षकों को परीक्षा के दिन से कम से कम एक दिन पहले स्कूल की प्रयोगशाला का दौरा करना होगा।
6) व्यावहारिक परीक्षाओं के लिए स्कूल प्रत्येक विषय में 30-30 विद्यार्थियों के बैच बना सकते हैं।
7) स्कूलों को परीक्षा की तस्वीरें अपलोड करनी होंगी, इसके लिए स्कूलों को एक ऐप-लिंक दिया जाएगा।
8) किसी कारणवश परीक्षा के दिन अनुपस्थित रहने वाले छात्र की प्रायोगिक परीक्षा भी अधिसूचित तिथियों के दौरान ही पुनर्निर्धारित की जाएगी।
9) निष्पक्ष एवं उचित मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए, यदि विद्यार्थियों की संख्या 30 से अधिक है तो व्यावहारिक परीक्षाएं अनिवार्यतः एक दिन में दो या तीन सत्रों में आयोजित की जानी चाहिए।