बीपीएससी टीआरई-3 के तहत कुल 87,774 पदों की घोषणा की गई थी। लेकिन अभी तक करीब 51,000 अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति पत्र मिल पाया है।
Santosh Kumar | May 6, 2025 | 04:07 PM IST
बिहार: बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार (6 मई) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास के पास शिक्षक भर्ती परीक्षा के पूरक परिणाम जारी करने की मांग को लेकर धरना दे रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने के बाद अफरातफरी मच गई। प्रदर्शनकारियों ने शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई-3) के पूरक परिणाम जारी करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास के गेट के बाहर प्रदर्शन किया।
यह इलाका काफी सुरक्षित माना जाता है और यहां प्रदर्शन की इजाजत नहीं है। लेकिन बड़ी संख्या में लोग हाथों में तख्तियां लेकर वहां पहुंचे और राज्य सरकार और बीपीएससी (परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था) के खिलाफ नारेबाजी की।
सचिवालय-1 की एसडीपीओ अनु कुमारी ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वे वहां से चले जाएं, क्योंकि उस इलाके में ऐसा करना प्रतिबंधित है। लेकिन जब वे नहीं माने तो पुलिस ने उन्हें हटाने के लिए लाठीचार्ज किया।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि लाठीचार्ज में कई लोग घायल हुए हैं, लेकिन प्रशासन ने इससे इनकार किया है। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों में से एक कृति दत्त ने कहा कि वे पिछले 4 महीने से गर्दनीबाग इलाके में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ''हमने मंत्री, सचिव और विधायक से बात करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने समस्या का समाधान नहीं किया।'' एक अन्य अभ्यर्थी ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने कहा था कि उन्होंने बीपीएससी को पत्र भेजा है, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।
इस मामले पर बात करने के लिए पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी अवकाश कुमार से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। शिक्षक भर्ती परीक्षा मार्च 2024 में आयोजित की गई।
बीपीएससी टीआरई-3 के तहत कुल 87,774 पदों की घोषणा की गई थी। लेकिन अभी तक करीब 51,000 अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति पत्र मिल पाया है। अधिकारियों ने पहले पूरक परिणाम का वादा किया था, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।
इस मामले पर विपक्षी पार्टी आरजेडी ने कहा कि अभ्यर्थी सीएम नीतीश से अपनी शिकायत बताने आए थे, लेकिन उन्होंने उनकी बात सुनने के बजाय लाठीचार्ज का आदेश दे दिया। सीएम को बिहार की नहीं, सिर्फ अपनी कुर्सी की चिंता है।