अदालत ने याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कई परीक्षा केंद्रों में अनियमितताओं का कोई ठोस सबूत नहीं है।
Press Trust of India | April 23, 2025 | 03:15 PM IST
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (23 अप्रैल) को 25 अप्रैल को होने वाली बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और पिछले साल 13 दिसंबर को प्रारंभिक परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप लगाने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने 70वीं बीपीएससी प्री परीक्षा को रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया।
पीठ ने कहा कि सभी अभ्यर्थियों के लिए दोबारा परीक्षा कराने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश ने दावा किया कि पेपर व्हाट्सएप मैसेज और वीडियो क्लिप के जरिए लीक हुआ।
अधिवक्ता प्रकाश ने कहा कि एक वीडियो में कथित तौर पर एक परीक्षा केंद्र पर लाउडस्पीकर के जरिए उत्तर की घोषणा होते हुए सुना गया। शीर्ष अदालत का यह आदेश पटना उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आया है।
हालांकि अदालत ने यह कहते हुए याचिकाओं को खारिज कर दिया कि कई परीक्षा केंद्रों में अनियमितताओं के कोई ठोस सबूत नहीं हैं, लेकिन न्यायालय के फैसले ने बीपीएससी मुख्य परीक्षा आयोजित करने का रास्ता साफ कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने 7 जनवरी को 13 दिसंबर 2024 को आयोजित परीक्षा में अनियमितता और उसके बाद हुए विरोध प्रदर्शन पर पुलिस कार्रवाई से संबंधित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था।
पीठ ने याचिकाकर्ताओं से पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा। बिहार पुलिस ने कथित तौर पर सिविल सेवा उम्मीदवारों को नियंत्रित करने के लिए बल का प्रयोग किया, जो तय तिथि पर हुई प्री परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे।
राज्य लोक सेवा आयोग ने कुछ अभ्यर्थियों के लिए पुनः परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया था। पुन: परीक्षा के लिए पात्र 12,012 उम्मीदवारों में से कुल 8,111 ने अपने प्रवेश पत्र डाउनलोड किए और 5,943 परीक्षा में शामिल हुए।