ASER 2023 Report: 14 से 18 आयु वर्ग के 26 प्रतिशत ग्रामीण बच्चे कक्षा 2 की किताब पढ़ने में असमर्थ
देश में शिक्षा की स्थिति को लेकर ऐन्युअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (ASER) ने 14 से 18 आयु वर्ग के 34,745 ग्रामीण बच्चों पर यह सर्वे किया है।
Abhay Pratap Singh | January 17, 2024 | 06:16 PM IST
नई दिल्ली: वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (एएसईआर) ने 2023 में भारत में शिक्षा के स्तर को लेकर बुधवार को एक रिपोर्ट जारी किया है। इस रिपोर्ट में बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों के 26 प्रतिशत से अधिक बच्चे जिनकी आयु 14 से 18 वर्ष है, वह अपनी क्षेत्रीय भाषा में कक्षा 2 की पुस्तक सही से पढ़ने में असमर्थ दिखे।
ASER रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 14 से 18 आयु वर्ग के 42.7% बच्चे अंग्रेजी के आसान वाक्य भी सही से नहीं पढ़ सकते हैं। सर्वेक्षण में शामिल 51.6% बच्चे बेसिक अंकगणितीय हल करने में असमर्थ थे, जबकि 56.7% बेसिक भाग-जोड़ व लगभग 34.7% बच्चे घटाना-जोड़ के बेसिक सवालों को भी हल नहीं कर सके।
ASER 2023 Report के तहत यह सर्वे 26 राज्यों के 28 जिलों में 14 से 18 आयु वर्ग के 34,745 ग्रामीण बच्चों का पर किया गया। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को छोड़कर प्रत्येक प्रमुख राज्य में एक ग्रामीण जिले को इस सर्वे में शामिल किया गया।
ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर छात्र कला और मानविकी (ह्यूमैनिटीज) पाठ्यक्रम चुनते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कक्षा 11 व 12 के 54% छात्र कला और मानविकी में, 9.3% वाणिज्य और 33.7% विज्ञान में अपना नामांकन कराया था। रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि 36.3% लड़कों की तुलना में केवल 28.1% लड़कियों ने विज्ञान पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 13.1 प्रतिशत छात्र और 13.3% छात्राओं ने कहीं भी प्रवेश नहीं लिया। देश में केवल 5.6% छात्र व्यावसायिक प्रशिक्षण ले रहे हैं। वहीं, सर्वे में यह भी खुलासा हुआ है कि 85.8% लड़कियाँ व 65.9% लड़के घरेलू काम करते हैं।
सर्वेक्षण में शामिल 14 से 18 वर्ष आयु के 86.8% छात्र शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश लिया है। हालांकि, उम्र के साथ यह प्रतिशत काफी कम देखने को मिला। उदाहरण के तौर पर, 14 साल के 96.1% छात्रों ने शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश लिया था, लेकिन जब 18 साल के बच्चों की बात आती है तो यह प्रतिशत तेजी से गिरकर 67.4% हो गया।
सर्वेक्षण में शामिल 92% से अधिक बच्चे स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं और 89% बच्चों ने बताया कि उनके पास घर पर स्मार्टफोन उपलब्ध है। रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि लड़कियों की तुलना में लड़कों के पास अपना स्मार्टफोन होने की अधिक उम्मीद है।
वहीं, सर्वेक्षण में शामिल केवल 27.6% बच्चे ही ऑनलाइन सेवाओं के लिए स्मार्टफोन का उपयोग करते थे और 37.1% बच्चे अपने घरों की दूरी मापने के लिए गूगल मैप का उपयोग कर सकते थे।
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