UPPSC PCS Results: अदालत ने पीसीएस प्रीलिम्स रिजल्ट को चुनौती संबंधी याचिका पर सरकार से मांगा जवाबी हलफनामा

Press Trust of India | December 29, 2025 | 08:41 AM IST | 1 min read

याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि उन्होंने सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों से अधिक अंक प्राप्त किए फिर भी उन्हें मेंस से वंचित कर दिया गया।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को तय की है। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)

लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2025 और सहायक वन संरक्षक पदों की प्रारंभिक परीक्षा के नतीजों को चुनौती देने वाली याचिका के जवाब में काउंटर-एफिडेविट दाखिल करने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया है।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को तय की है। यह आदेश गत 19 दिसंबर को न्यायमूर्ति मनीष माथुर की एकल पीठ ने मनीष कुमार और तीन अन्य उम्मीदवारों द्वारा दायर एक याचिका पर दिया था।

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वे पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2025 में अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार के तौर पर शामिल हुए थे और प्रारंभिक परीक्षा में उनके अंक सामान्य श्रेणी की ‘कट-ऑफ’ से अधिक थे।

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याचिका में तर्क दिया गया कि आरक्षण अधिनियम और संबंधित अन्य नियमों के तहत अगर कोई आरक्षित श्रेणी का उम्मीदवार बिना किसी विशेष छूट का लाभ उठाए सामान्य श्रेणी की कट-ऑफ के बराबर या उससे ज़्यादा अंक प्राप्त करता है, तो उसे सामान्य श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए।

याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि उन्होंने सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों से अधिक अंक प्राप्त किए फिर भी उन्हें मेंस से वंचित कर दिया गया। कोर्ट ने सरकार और आयोग को याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए 3 सप्ताह का समय दिया।

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