Delhi School Fee Regulation Bill: दिल्ली के नए स्कूल फीस कानून के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने शुरू किया अभियान

आप नेता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि भाजपा ने विपक्ष और अभिभावक संघों से सलाह-मशविरा किए बिना यह कानून पारित किया।

आप की छात्र शाखा पूरे दिल्ली के सभी स्कूलों के बाहर जागरूकता अभियान करते हुए पहल का नेतृत्व करेगी। (इमेज-एक्स/@Saurabh_MLAgk)

Press Trust of India | August 20, 2025 | 09:00 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) ने नए स्कूल फीस कानून के खिलाफ मंगलवार को अभियान शुरू किया और आरोप लगाया कि यह निजी स्कूलों को मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने का अधिकार देता है तथा फीस बढ़ोतरी को लेकर निर्णय में अभिभावकों की भागीदारी को रोकता है। इन आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

सरकार ने 18 अगस्त को एक बयान जारी कर कहा था कि उपराज्यपाल ने दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी है, जिसके बाद सरकार ने आधिकारिक तौर पर कानून को अधिसूचित कर दिया है।

इस बयान के एक दिन बाद आम आदमी पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कानून के खिलाफ अभियान शुरू किया और शेखसराय में एक निजी स्कूल के बाहर इसके विरोध से संबंधित पर्चे बांटे।

'कानून से निजी स्कूल मालिकों को लाभ'

पार्टी के विधायक जरनैल सिंह ने भी इसी तरह का अभियान तिलक नगर में शुरू किया। आप की छात्र शाखा ‘एसोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स’ पूरे दिल्ली के सभी स्कूलों के बाहर जागरूकता अभियान करते हुए पहल का नेतृत्व करेगी।

हिंदी और अंग्रेजी में छपे इन पर्चेां में दावा किया गया है कि नए कानून के तहत निजी स्कूल मालिकों को लाभ पहुंचाने के लिए अभिभावकों को कीमत चुकानी पड़ेगी और इसमें इस वर्ष अप्रैल में की गई फीस वृद्धि को वापस लेने का प्रावधान नहीं है।

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'बिना परामर्श के पारित किया गया कानून'

भारद्वाज ने आरोप लगाया कि भाजपा ने विपक्ष और अभिभावक संघों से सलाह-मशविरा किए बिना यह कानून पारित किया। उन्होंने कहा कि इस कानून से निजी स्कूलों को मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने का अधिकार मिल जाएगा।

आप का कहना है कि अभिभावक संघों ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से कई बार मिलने का समय मांगा, लेकिन उन्हें समय नहीं मिला। पार्टी ने हर दिन एक अभियान चलाने की योजना बनाई है।

इसमें हर विधानसभा क्षेत्र के अलग-अलग स्कूलों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक अभिभावकों को निजी स्कूलों और सरकार की मिलीभगत के बारे में पूरी जानकारी नहीं हो जाती।

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