Press Trust of India | December 5, 2025 | 12:09 PM IST | 1 min read
पीसीएस परीक्षा आयोजित करने के लिए जिम्मेदार यूकेपीएससी के सामने अब चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित करते हुए मुख्य परीक्षा का पुनर्निर्धारण करने की चुनौती है।

नई दिल्ली : उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (यूकेपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा के चार प्रश्नों को लेकर उठे विवाद के बीच, 6 से 9 दिसंबर तक होने वाली पीसीएस मुख्य परीक्षा 2025 को स्थगित कर दिया है। उच्च न्यायालय ने प्रश्न संख्या 70 को हटाने का आदेश दिया है और शेष विवादित प्रश्नों की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति भी बुलाई है।
उच्च न्यायालय का यह निर्णय कुलदीप कुमार सहित अन्य अभ्यर्थियों द्वारा दायर एक याचिका के बाद आया है, जिन्होंने जून 2024 में आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए कुछ प्रश्नों की वैधता पर सवाल उठाया था।
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि प्रश्नों के विकल्पों में विसंगतियां और गंभीर अस्पष्टताएं थीं, जिससे परीक्षा प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा हो रहा था। न्यायमूर्ति रवींद्र मैथानी और न्यायमूर्ति आलोक माहरा के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ताओं कुलदीप कुमार राठी और केशवानंद के वकील ने कहा, "हमने प्रारंभिक परीक्षा में एक प्रश्न को चुनौती दी थी, अन्य कुछ प्रश्नों के अलावा। अदालत ने एक विशिष्ट प्रश्न के संबंध में हमारी दलीलों को सही पाया और उसे हटाने का आदेश दिया।" दोनों याचिकाकर्ता मुख्य परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त करने से बाल-बाल चूक गए थे। हालांकि शुरुआत में चार प्रश्नों को चुनौती दी गई थी, लेकिन अंततः याचिकाकर्ताओं ने सेट 'ए' के प्रश्न संख्या 70 पर ही अपनी आपत्ति दर्ज कराई।
नैनीताल स्थित उच्च न्यायालय ने कहा कि जब तक विवादित प्रश्नों की अच्छे से जांच नहीं हो जाती और मेरिट सूची की पुनर्गणना नहीं हो जाती, तब तक मुख्य परीक्षा आयोजित करना अनुचित होगा। इस फैसले का राज्य में 123 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, जिनमें डिप्टी कलेक्टर, पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) और खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) जैसे पद शामिल हैं।