यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा को पेपर लीक होने के बाद रद्द कर दिया गया था। मामले में 300 से अधिक संदिग्धों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
Saurabh Pandey | May 17, 2024 | 02:10 PM IST
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (यूपीआरबी) ने यूपी पुलिस कांस्टेबल परीक्षा तिथि 2023 का दावा करने वाले एक फर्जी नोटिस के इंटरनेट पर प्रसारित होने के बाद स्पष्टीकरण जारी किया है। फर्जी नोटिस में दिए गए कार्यक्रम के अनुसार, यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा 2023 29 जून और 30 जून, 2024 को निर्धारित है। हालांकि, इस पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए, बोर्ड ने कहा कि उसने आयोजन के लिए ऐसी किसी तारीख की घोषणा नहीं की है।
बोर्ड द्वारा आधिकारिक नोटिस में कहा गया कि यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2023 के आयोजन के संबंध में एक कथित अधिसूचना सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही है, जिसमें परीक्षा की तारीख 29 और 30 जून होने का दावा किया जा रहा है। यूपीपीआरपीबी स्पष्ट करता है कि यह जानकारी फर्जी है और बोर्ड द्वारा ऐसी कोई तारीख घोषित नहीं की गई है।
परीक्षा के संबंध में कोई भी जानकारी केवल बोर्ड की वेबसाइट और आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर प्रकाशित की जाएगी। फर्जी सूचना प्रसारित करने वाले शरारती तत्वों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
बता दें कि यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा को पेपर लीक होने के बाद रद्द कर दिया गया था। मामले में 300 से अधिक संदिग्धों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने 6 माह के भीतर दोबारा यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा कराने की बात कही थी।
उत्तर प्रदेश कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामला सामने आने के बाद यूपीपीआरपीबी की महानिदेशक रेणुका मिश्रा को उनके पद से हटा दिया गया। वही, कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा रद्द करते हुए यूपी सरकार ने एसटीएफ को मामले की जांच सौंप दी थी।
यूपी पुलिस कांस्टेबल के 24102 पद अनारक्षित हैं, जबकि 6024 पद ईडब्ल्यूएस, 16264 पद ओबीसी, 12650 पद अनुसूचित जाति और 1204 पद अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रखे गए हैं। पद का वेतनमान 5200-20200 रुपये तथा ग्रेड पे 2000 रुपये है। नये वेतन मैट्रिक्स में वेतनमान 21700 रुपये है।
बता दें कि यूपी एसटीएफ की जांच में सामने आया कि यूपी कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर कथित तौर पर एक प्रिंटिंग प्रेस के माध्यम से लीक हुआ था। पेपर के प्रिंटिंग प्रेस से निकलने और परिवहन कंपनी के पास पहुंचने के बाद आरोपियों द्वारा पेपर लीक किया गया था।