UP Govt Smartphone Yojana: यूपी कैबिनेट ने स्मार्टफोन योजना और तीन जिलों में मेडिकल कॉलेजों को दी मंजूरी

Press Trust of India | January 23, 2025 | 10:59 AM IST | 2 mins read

उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ाने के लिए युवाओं के लिए स्मार्टफोन वितरण, नए मेडिकल कॉलेजों और आईटीआई अपग्रेड को मंजूरी दी।

यूपी की योगी सरकार ने कैबिनेट बैठक में कई बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी है। (स्त्रोत-एक्स/@CMOfficeUP)
यूपी की योगी सरकार ने कैबिनेट बैठक में कई बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी है। (स्त्रोत-एक्स/@CMOfficeUP)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार (22 जनवरी) को प्रयागराज में आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में युवाओं को मुफ्त वितरण हेतु 25 लाख स्मार्टफोन की खरीद के लिए अंतिम बोली संबंधित दस्तावेज को मंजूरी दे दी। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में हाथरस, कासगंज और बागपत सहित तीन जिलों में निजी-सार्वजनिक भागीदारी (PPP) के तहत मेडिकल कॉलेजों को संचालित करने के लिए सफल बोलीदाताओं के चयन को मंजूरी दी गई है।

बयान में कहा गया है कि कैबिनेट ने बलरामपुर में 166 बिस्तरों वाले सरकारी संयुक्त अस्पताल को चिकित्सा शिक्षा विभाग को हस्तांतरित करने को मंजूरी दी। इस कदम का उद्देश्य किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के बलरामपुर सैटेलाइट सेंटर को परिवर्तित करके स्वायत्त राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, बलरामपुर की स्थापना करना है। मेडिकल कॉलेज के संचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए एमसीआई/एनएमसी मानकों के अनुरूप 1,394 शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पद सृजित किए गए हैं।

इसके अलावा, कैबिनेट ने युवाओं को मुफ्त वितरित करने के लिये 25 लाख स्मार्टफोन की खरीद के लिए अंतिम बोली दस्तावेज को भी मंजूरी दी। प्रदेश सरकार स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत युवाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से मुफ्त स्मार्टफोन वितरित करेगी। यह योजना पांच साल के लिए लागू होगी।

बयान के मुताबिक, “वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 4,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इस अभिनव पहल का उद्देश्य उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, स्वास्थ्य शिक्षा, कौशल विकास प्रशिक्षण और आईटीआई कार्यक्रमों में नामांकित कुशल युवाओं को स्मार्टफोन प्रदान करना है, ताकि वे तकनीकी रूप से सशक्त और भविष्य के लिए तैयार हो सकें।”

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बयान के अनुसार, मंत्रिमंडल ने भारत सरकार से व्यवहार्यता अंतर निधि के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में मेडिकल कॉलेजों को संचालित करने के लिए सफल बोलीदाताओं के चयन को भी मंजूरी दे दी है। इस पहल का लक्ष्य उत्तर प्रदेश के हाथरस, बागपत और कासगंज सहित उन जिलों को लक्षित करना है जहां वर्तमान में सरकारी या निजी क्षेत्र में कोई मेडिकल कॉलेज नहीं है।

बताया गया कि प्राप्त निविदाओं के तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन के बाद हाथरस और कासगंज के लिए राजश्री एजुकेशनल ट्रस्ट को सबसे कम बोली लगाने वाले (एल-1) के रूप में चुना गया। बागपत के लिए जयपाल सिंह शर्मा ट्रस्ट को चुना गया। मंत्रिमंडल ने 62 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को अपग्रेड करने और पांच नवाचार, आविष्कार, ऊष्मायन और प्रशिक्षण केंद्र (सीआईआईआईटी) स्थापित करने के लिए टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (टीटीएल) के साथ एक समझौते को भी मंजूरी दी।

आगे कहा गया कि 3634 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली इस परियोजना में टीटीएल 2,851 करोड़ रुपये और सरकार 783 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान देगी। समझौता ज्ञापन (एमओयू) की अवधि 11 वर्ष है, जिसमें पहला वर्ष परियोजना कार्यान्वयन की तैयारी के लिए समर्पित है। बयान में कहा गया है कि 10 वर्षों के बाद आपसी सहमति के आधार पर परियोजना का नवीनीकरण किया जा सकता है।

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