केंद्रीय बजट 2024-25 से स्वास्थ्य सेवा, फिनटेक, एडटेक, शिक्षा, खुदरा, दूरसंचार सहित विभिन्न क्षेत्रों से बजट पूर्व उम्मीदें शुरू हो गई हैं।
Saurabh Pandey | July 19, 2024 | 03:46 PM IST
नई दिल्ली : भारत सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। बजट को लेकर विभिन्न क्षेत्र सरकार से कई चीजों की उम्मीद कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बजट 2024 सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को गति देने के लिए पूंजीगत व्यय, विशेष रूप से बुनियादी ढांचे पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगा। मध्यम वर्ग, कॉर्पोरेट, किसान, विनिर्माण, सेवा और कृषि क्षेत्र को बजट से बड़ी उम्मीदें हैं।
ई-विद्यालोक के अध्यक्ष एवं ट्रस्टी रविचंद्रन वी के मुताबिक शिक्षा क्षेत्र के लिए हमारी मांग भारत के भविष्य की वृद्धि और विकास के लिए स्पष्ट और महत्वपूर्ण है। पिछले एक दशक में, शिक्षा पर सरकारी खर्च सकल घरेलू उत्पाद के 3.1% से घटकर 2.9% हो गया है। सबसे पहले अगले पांच वर्षों में 7% तक पहुंचने के लक्ष्य के साथ, शुरुआत में शिक्षा और कौशल विकास पर खर्च को सकल घरेलू उत्पाद के 6% तक बढ़ाना अनिवार्य है।
शिक्षा क्षेत्र के भीतर विभिन्न क्षेत्रों और विषयों में व्यापक अनुसंधान को वित्त पोषित करने के उद्देश्य से एक मजबूत रिसर्च फाउंडेशन स्थापित करने की भी तत्काल आवश्यकता है। इस बजट में धन आवंटित करने और 2024 के अंत तक इस पहल को क्रियान्वित करने से नवाचार, शिक्षा में उत्कृष्टता को बढ़ावा मिलेगा और भारत की ज्ञान अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
रिक्रूटमेंट, हायरिंग और स्टार्टअप सेक्टर के बारे में वर्करूट के संस्थापक और सीईओ मणिकांत चल्ला ने बजट से पहले अपने अनुमान में कहा है कि जैसे-जैसे केंद्रीय बजट 2024 नजदीक आ रहा है, भर्ती और स्टार्टअप प्रगति की उम्मीद कर रहा है। हाल के वर्षों में, एआई और मशीन लर्निंग के एकीकरण ने भर्ती प्रक्रिया में क्रांति ला दी है, जिससे यह अधिक कुशल, समावेशी और सुलभ हो गई है। इस बजट से हमारी उम्मीदें डिजिटल बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी-संचालित समाधानों के लिए निरंतर समर्थन पर केंद्रित हैं जो भर्ती को सुव्यवस्थित कर सकते हैं और उद्यमशीलता विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।
आगामी बजट में शैक्षिक प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे में पर्याप्त निवेश को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसमें कंप्यूटर लैब को अपग्रेड करना, हाई-स्पीड इंटरनेट तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित करना और डिजिटल कौशल के लिए मजबूत प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करना शामिल है। ऐसा करके हम तेजी से विकसित हो रहे नौकरी बाजार की मांगों को पूरा करने के लिए अपने भविष्य के कार्यबल को बेहतर ढंग से तैयार कर सकते हैं।
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मानव संसाधन क्षेत्र को लेकर बजट से पहले ग्लोबलज्ञान लीडरशिप अकादमी के संस्थापक और सीईओ श्रीनिवास अडेपल्ली का अनुमान है कि आगामी बजट को देखते हुए उद्योग-अकादमिक इंटरफेस को मजबूत करने और पेशेवर कौशल विकास को बढ़ाने के लिए पहले से ही प्रयास चल रहे हैं। इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप को प्रोत्साहित करने में सरकार का समर्थन होगा। उभरते बाजार की गतिशीलता और तकनीकी प्रगति से निपटने के लिए पेशेवरों के लिए निरंतर सीखना और कौशल बढ़ाना अनिवार्य है।