Teachers Day 2025: भारत में कल मनाया जाएगा शिक्षक दिवस; जानें थीम, महत्व और डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का योगदान

Abhay Pratap Singh | September 4, 2025 | 11:20 AM IST | 2 mins read

शिक्षक दिवस 2025 की थीम “अगली पीढ़ी के शिक्षार्थियों को प्रेरित करना” विषय पर आधारित है।

पहली बार शिक्षक दिवस की शुरुआत 1962 में हुई थी। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)
पहली बार शिक्षक दिवस की शुरुआत 1962 में हुई थी। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

नई दिल्ली: भारत में प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य पर ‘शिक्षक दिवस’ मनाया जाता है। डॉ राधाकृष्णन ने 1962 से 1967 तक भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। वह एक प्रख्यात विद्वान, शिक्षाविद और दार्शनिक थे। उनका जन्म 8 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुत्तनी में हुआ था।

पहली बार शिक्षक दिवस की शुरुआत 1962 में की गई थी, जब कुछ छात्रों ने डॉ. राधाकृष्णन से उनका जन्मदिन मानने की इच्छा जताई थी। हालांकि, उन्होंने अपने जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मानने का अनुरोध किया था, तब से शिक्षक दिवस समाज के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका के सम्मान में मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस 2025 की थीम “अगली पीढ़ी के शिक्षार्थियों को प्रेरित करना” विषय पर आधारित है। शिक्षक दिवस न केवल शैक्षणिक शिक्षा में शिक्षकों के अतुल्य योगदान को उजागर करता है, बल्कि शिक्षार्थियों को अपनी रुचियों का पालन करने, रचनात्मक बनने और दृढ़ एवं आत्मविश्वासी बनने के लिए प्रेरित करने में भी शिक्षकों के योगदान को रेखांकित करता है।

Also readकेंद्र सरकार ने बोर्ड परीक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले 1490 एसटी/एससी छात्रों को किया सम्मानित

शिक्षक दिवस देश भर के स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों में विशेष आयोजनों के साथ मनाया जाएगा। यह दिवस भावी पीढ़ी को तैयार करने में शिक्षकों की बड़ी जिम्मेदारी और अधिकार की याद दिलाता है। शिक्षक सिर्फ प्रशिक्षक ही नहीं होते, वे मार्गदर्शक और आदर्श भी होते हैं जो छात्रों को मूल्य-उन्मुख, रचनात्मक और आलोचनात्मक विचारक बनाते हैं।

डॉ. राधाकृष्णन का मानना था कि शिक्षक छात्रों और समाज के चरित्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 1954 में डॉ. राधाकृष्णन को राष्ट्र के प्रति उनकी उत्कृष्ट सेवा के सम्मान में देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया। डॉ. राधाकृष्णन ने 17 अप्रैल, 1975 को अंतिम सांस ली थी।

Teachers Day 2025 in India: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का योगदान

  • डॉ राधाकृष्णन भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति रहे।
  • रूस में 1949 से 1952 तक भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया।
  • पेरिस में यूनेस्को की कार्यसमिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
  • डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने शिक्षक और शिक्षा के महत्व पर बल दिया।

Download Our App

Start you preparation journey for JEE / NEET for free today with our APP

  • Students300M+Students
  • College36,000+Colleges
  • Exams550+Exams
  • Ebooks1500+Ebooks
  • Certification16000+Certifications