Santosh Kumar | September 2, 2025 | 11:02 PM IST | 1 min read
प्रत्येक पुरस्कार विजेता को प्रथम स्थान के लिए 60,000 रुपये, द्वितीय स्थान के लिए 50,000 रुपये और तृतीय स्थान के लिए 40,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया।
नई दिल्ली: केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने 2021-22 और 2022-23 में 29 राज्य एवं केंद्रीय बोर्डों द्वारा आयोजित 10वीं-12वीं की परीक्षाओं में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले 1,490 अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों को सम्मानित किया। केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार की उपस्थिति में डॉ. अंबेडकर राष्ट्रीय मेधा पुरस्कार समारोह 2025 का आयोजन किया गया। इस पुरस्कार की स्थापना डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन द्वारा की गई थी।
डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन के अध्यक्ष ने छात्रों की उपलब्धियों की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के सामाजिक परिवर्तन के दृष्टिकोण का मूल है।
अध्यक्ष ने कहा, "बाबासाहेब ने उत्पीड़ित समुदायों को ज्ञान के माध्यम से आगे बढ़ने की शक्ति दी। सरकार छात्रवृत्ति, फेलोशिप और लक्षित कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से एससी, एसटी और अन्य वंचित समूहों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।"
शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए कक्षा 10 के 367 और कक्षा 12 के 563 छात्रों को पुरस्कार दिए गए, जिनमें 71 टॉपर शामिल हैं। वर्ष 2022-23 के लिए कक्षा 10 के 198 और कक्षा 12 के 362 छात्रों को पुरस्कार दिए गए, जिनमें 46 टॉपर शामिल हैं।
प्रत्येक विजेता को प्रथम स्थान के लिए 60,000 रुपये, द्वितीय स्थान के लिए 50,000 रुपये और तृतीय स्थान के लिए 40,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया। सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली छात्रा को 60,000 रुपये का विशेष पुरस्कार भी दिया गया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले और बीएल वर्मा ने भी समारोह को संबोधित किया और विजेताओं की प्रशंसा की। दोनों ने उनसे समानता, बंधुत्व, सम्मान और सामाजिक न्याय के मूल्यों को बनाए रखने का आग्रह किया।