शिक्षकों को सम्मानित करने और समाज को सशक्त बनाने व शिक्षित करने में उनके महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने के लिए भारत में शिक्षक दिवस प्रतिवर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है।
Abhay Pratap Singh | September 5, 2024 | 07:46 AM IST
नई दिल्ली: भारत में शिक्षक दिवस प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षकों, शोधकर्ताओं और प्रोफेसरों सहित शिक्षाविदों द्वारा किए गए कार्यों को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है। शिक्षक दिवस भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में मनाया जाता है, जिनका जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था।
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था। डॉ. राधाकृष्णन एक शिक्षाविद् भी थे। साल 1962 से 5 सितंबर को शिक्षा के क्षेत्र में राधाकृष्णन और सभी शिक्षकों के असाधारण योगदान को श्रद्धांजलि देने के लिए शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
हर साल की तरह इस साल भी भारत के राष्ट्रपति शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करेंगे। यह पुरस्कार उन उत्कृष्ट शिक्षकों के उल्लेखनीय प्रयासों को मान्यता देता है जिन्होंने न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाया है बल्कि अपने छात्रों के जीवन पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है।
डॉ. राधाकृष्णन शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति में विश्वास करते थे तथा व्यक्ति और राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका में विश्वास करते थे । जिस वजह से उन्होंने सुझाव दिया कि उनके जन्मदिन पर व्यक्तिगत उत्सव मनाने के बजाय, इस दिन को पूरे देश में शिक्षकों के सम्मान के लिए समर्पित किया जाना चाहिए। जिसके परिणामस्वरूप भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई।
शिक्षक दिवस छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है जो उन्हें अपने शिक्षकों, गुरुओं और मार्गदर्शकों को सम्मान देने और श्रद्धांजलि देने का अवसर प्रदान करता है। स्कूल और कॉलेज इस दिन को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं, विभिन्न प्रकार की पाठ्य गतिविधियों का आयोजन भी करते हैं।
शिक्षक दिवस प्रत्येक छात्र और शिक्षक के लिए महत्वपूर्ण दिन होता है। शिक्षक दिवस से जुड़े महत्व नीचे दिए गए हैं: