उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड जानकारी के अनुसार, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।
Press Trust of India | October 20, 2024 | 03:29 PM IST
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित एक कोचिंग सेंटर में इसी साल जुलाई माह में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थियों की मौत से संबंधित मामले पर उच्चतम न्यायालय (SC) सोमवार को सुनवाई करेगा। इस हादसे में दो छात्राओं और एक छात्र की मौत हुई थी।
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित राउज आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में भारी बारिश के बाद पानी भर जाने से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थी डूब गए थे। मृतक यूपीएससी कैंडिडेट की पहचान यूपी की श्रेया यादव, तेलंगाना की तान्या सोनी और केरल के नेविन डेल्विन के रूप में हुई थी।
उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड की गई 21 अक्टूबर की वाद सूची के अनुसार, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत ने मामले की जांच कर रही केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त समिति को 20 सितंबर को निर्देश दिया था कि वह ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में एक अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
दिल्ली कोचिंग सेंटर हादसे के बाद एससी ने कोचिंग संस्थानों की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और एमसीडी को नोटिस भेजा था। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, कोचिंग संस्थान छात्रों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।
वहीं, मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा था कि, बेसमेंट में पानी भरने में कम से कम 2 से 3 मिनट का समय लगता है, यह हादसा एक मिनट के अंदर कैसे हो गया।
हाल ही में, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने भ्रामक विज्ञापन के मामले में कोचिंग संस्थान ‘श्रीराम आईएएस’ पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। श्रीराम कोचिंग इंस्टीट्यूट का यह विज्ञापन यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के संबंध में अपने दावों से संबंधित था। जिसमें 200 से अधिक चयन होने का दावा किया गया था।