Press Trust of India | April 7, 2025 | 05:00 PM IST | 1 min read
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "पैनल की रिपोर्ट स्वीकार कर ली गई है। मामले में कुछ नहीं बचा है और इसका निपटारा किया जा सकता है।"
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार (7 अप्रैल) को पिछले वर्ष राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश (नीट-यूजी) परीक्षा आयोजित करने में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की कार्यप्रणाली से संबंधित मामले का निपटारा कर दिया। केंद्र ने विशेषज्ञ पैनल द्वारा सुझाए गए परीक्षा सुधारों को लागू करने का आश्वासन दिया।
न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने इस मुद्दे पर केंद्र की अनुपालन रिपोर्ट और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर विचार किया और याचिका का निपटारा करने की घोषणा की।
मेहता ने कहा, "सरकार ने नीट को ऑनलाइन आयोजित करने के अलावा पैनल के सभी सुझावों को स्वीकार कर लिया है। देशभर में 26 लाख से अधिक छात्र नीट परीक्षा देते हैं, इसलिए इंटरनेट और कंप्यूटर सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी, जिसमें कुछ समय लगेगा।"
मेहता ने कहा, "पैनल की रिपोर्ट स्वीकार कर ली गई है। इसलिए, मामले में कुछ नहीं बचा है और इसका निपटारा किया जा सकता है।" अभ्यावेदन और घटनाक्रम पर विचार करने के बाद, पीठ ने कहा कि आगे किसी आदेश की आवश्यकता नहीं है।
पिछले साल 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने विवादित नीट यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि रिकॉर्ड में ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है जिससे पता चले कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई।
एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 2024 में 23 लाख से अधिक छात्र नीट-यूजी परीक्षा में शामिल हुए थे। इस साल नीट यूजी का आयोजन 8 जून को एनटीए द्वारा पीबीटी मोड में किया जाएगा।