Shikshamitra News: यूपी सरकार शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर नहीं करेगी विचार - बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री

सपा एमएलए समरपाल ने कहा कि, "मंत्री जी के एक कुत्ते का महीने भर का खर्चा 20 हजार रुपये है और शिक्षामित्रों को सरकार 10 हजार रुपये दे रही है।"

विधानसभा के मानसून सत्र में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने यह जानकारी दी है। (स्त्रोत-'एक्स' @thisissanjubjp)
विधानसभा के मानसून सत्र में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने यह जानकारी दी है। (स्त्रोत-'एक्स' @thisissanjubjp)

Press Trust of India | July 30, 2024 | 06:25 PM IST

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर विचार नहीं करेगी। प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने मंगलवार को विधानसभा में यह जानकारी दी है। गौरतलब है कि, प्रदेश के शिक्षामित्र काफी समय से मानदेय बढ़ाने की मांग सरकार से कर रहे हैं।

विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के सदस्य समरपाल सिंह के एक सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि शिक्षामित्रों को प्रतिमाह 10 हजार रुपये दिया जाता है, इसलिए मानदेय बढ़ाने का प्रश्न ही नहीं उठता है।

समरपाल सिंह ने पूछा था कि क्या बढ़ती महंगाई के दृष्टिगत सरकार शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ाने पर विचार करेगी। समाजवादी पार्टी के विधायक समरपाल सिंह ने शिक्षामित्रों के मानदेय का मुद्दा उठाते हुए सरकार से पूछा, क्या वह शिक्षामित्रों का मानदेय 10 हजार से बढ़ाकर 30 हजार करेगी।

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मंत्री के जवाब से असंतुष्ट समरपाल सिंह ने अपने पूरक प्रश्न में एक कहानी सुनाते हुए कहा कि “मैं एक मंत्री के यहां गया था तो वे अपने कुत्ते को सहला रहे थे, मैंने पूछा कि इस पर कितना खर्च प्रतिमाह आता है तो उन्होंने कहा कि 20 हजार रुपये।”

सपा एमएलए समरपाल ने कहा, जब एक कुत्ते पर इतना खर्च आता है तो शिक्षा मित्र का तो परिवार है, उसकी जरूरतें है, उसे प्रतिदिन एक हजार रुपये की दर से मानदेय दिया जाए। इस पर बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि सदस्य ने जिस तरह शिक्षा मित्रों की तुलना जानवर से की है, मैं उसकी निंदा करता हूं।

मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि सपा शासन में शिक्षामित्रों को प्रतिमाह 3500 रुपये मिलते थे जिस बढ़ाकर हमारी सरकार ने 10 हजार रुपये कर दिया है। बता दें कि, सपा सरकार ने अपने कार्यकाल में शिक्षामित्रों का वेतन बढ़ाकर 30,000 रुपये प्रतिमाह किया था, जिसे बाद में योगी सरकार ने 10,000 रुपये कर दिया।

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