India-Pakistan Ceasefire: भारत-पाकिस्तान सीज फायर के बीच जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में फिर खुले स्कूल

कश्मीर घाटी में अन्य स्थानों पर स्कूल 13 मई, 2025 (मंगलवार) को पुनः खुल गए थे।

स्कूल खुलने से बच्चे और शिक्षक दोनों ही उत्साहित हैं। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)
स्कूल खुलने से बच्चे और शिक्षक दोनों ही उत्साहित हैं। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

Press Trust of India | May 14, 2025 | 05:41 PM IST

नई दिल्ली: कश्मीर घाटी के सीमावर्ती जिलों में नियंत्रण रेखा के निकटवर्ती जिलों को छोड़कर सभी शैक्षणिक संस्थान आज यानी 14 मई (बुधवार) को फिर से खोले गए। भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात के मद्देनजर एक सप्ताह तक बंद रहने के बाद सीमावर्ती जिलों बारामूला, कुपवाड़ा और बांदीपुरा में स्कूल और कॉलेज पुनः खुल गए हैं।

घाटी में अन्य स्थानों पर स्कूल 13 मई, 2025 (मंगलवार) को पुनः खुल गए थे। बारामूला के एक छात्र तालिब डार ने कहा, “हम अपने दोस्तों और शिक्षकों से मिल रहे हैं। हम बहुत खुश हैं कि सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बन गयी है और हम अपनी पढ़ाई फिर से शुरू कर सकते हैं। अब हम अपनी नियमित कक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे।”

सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले जहूर अहमद ने कहा कि प्रगति के लिए शांति बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा, “छात्र खुश हैं। सभी समझते हैं कि शांति विकास और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करती है। हम ईश्वर के आभारी हैं कि स्थिति सुधरी और हम स्कूल वापस आ गए हैं। स्कूलों में फिर से रौनक लौट आई है।”

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सोपोर की छात्रा तोइबा मुश्ताक ने कहा कि भारत-पाक तनाव ने उन्हें प्रभावित किया है और दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाई रुकने का स्वागत है। उत्तरी कश्मीर के एक स्कूल के शिक्षक अब्दुल मजीद ने सैन्य कार्रवाई रोकने पर बनी सहमति के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

छात्रा तोइबा मुश्ताक ने कहा, “अब हम खुश हैं। संघर्ष के दौरान हम तनाव में थे क्योंकि इससे हमारी पढ़ाई प्रभावित हुई थी। हमें चिंता थी कि इससे हमें अपना पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए सीमित समय ही मिलेगा। इसलिए, हम बहुत खुश हैं कि संघर्ष रुक गया है।”

शिक्षक अब्दुल मजीद ने कहा, “बच्चे और शिक्षक दोनों ही उत्साहित हैं। हम स्कूलों के फिर से खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। संघर्ष बच्चों को प्रभावित करता है, इसलिए दोनों देशों द्वारा उठाए गए ये कदम सकारात्मक दिशा में हैं। हम इस कदम का स्वागत करते हैं।”

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