School Bag GST Rate: स्कूल बैग पर 18% जीएसटी भारी बोझ, कारोबारियों की सरकार से टैक्स कम करने की मांग

Press Trust of India | September 23, 2025 | 07:25 AM IST | 2 mins read

जीएसटी में बदलाव सोमवार से लागू हो गए, जिससे नोटबुक, पेन, पेंसिल, नक्शे, चार्ट और ग्लोब जैसे शैक्षिक उत्पादों को कर से छूट मिल गई।

ऑल इंडिया स्कूल बैग एसोसिएशन ने कहा कि स्कूल बैग पर 18% टैक्स भारी बोझ है। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)
ऑल इंडिया स्कूल बैग एसोसिएशन ने कहा कि स्कूल बैग पर 18% टैक्स भारी बोझ है। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)

नई दिल्ली: ऑल इंडिया स्कूल बैग एसोसिएशन ने 22 सितंबर को कहा कि शैक्षिक उत्पादों को कर-मुक्त करने का सरकार का कदम स्वागत योग्य है, लेकिन स्कूल बैग पर 18 प्रतिशत जीएसटी कम करने से छोटे व्यवसायों को काफी राहत मिल सकती थी। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में बदलाव सोमवार से लागू हो गए, जिससे नोटबुक, पेन, पेंसिल, नक्शे, चार्ट और ग्लोब जैसे शैक्षिक उत्पादों को कर से छूट मिल गई। इन वस्तुओं पर पहले 12 प्रतिशत जीएसटी लगता था, जिसे अब शून्य कर दिया गया है।

दूसरी ओर स्कूल बैग पर जीएसटी 18% बरकरार रखा गया है। ऑल इंडिया स्कूल बैग एसोसिएशन के संस्थापक ने कहा कि सरकार ने स्कूल बैग पर कर घटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। इससे छोटे कारोबारियों को नुकसान होगा।

स्कूल बैग पर 18% जीएसटी तर्कसंगत नहीं

बैग एसोसिएशन के संस्थापक देव कुमार त्यागी ने कहा, ‘‘ 500 रुपये का साधारण स्कूल बैग और हवाई अड्डे पर बिकने वाला 5,000 रुपये का लक्जरी बैग दोनों ही 18 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में रखे गए हैं। यह तर्कसंगत नहीं लगता।’’

उन्होंने कहा कि सरकार को कपड़ों और जूतों की तरह स्कूल बैग पर भी मूल्य-आधारित जीएसटी लागू करना चाहिए। यानी ₹2,000 तक के बैग पर 5% और ₹2,000 से ज़्यादा कीमत वाले बैग पर 18% टैक्स लगना चाहिए।

Also readNew GST Rates: जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में फैसला, एजुकेशनल मैटेरियल्स पर नहीं लगेगा टैक्स

एसोसिएशन के महासचिव ने कहा कि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केवल स्टेशनरी या शैक्षणिक उपकरणों पर ही कर कम करना पर्याप्त नहीं है। बच्चों की पढ़ाई का अहम हिस्सा होने के नाते स्कूल बैग पर भी कर राहत मिलनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकार सस्ती शिक्षा की बात करती है, लेकिन स्कूल बैग पर 18% टैक्स इसके विपरीत है। ऑल इंडिया स्कूल बैग एसोसिएशन में 15 से अधिक राज्यों के बैग निर्माता, थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता और कच्चा माल प्रदाता शामिल हैं। इसकी स्थापना राष्ट्रीय स्तर पर बैग उद्योग के हितों को एकजुट करने और उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए की गई है।

Download Our App

Start you preparation journey for JEE / NEET for free today with our APP

  • Students300M+Students
  • College36,000+Colleges
  • Exams550+Exams
  • Ebooks1500+Ebooks
  • Certification16000+Certifications