राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उनके इंडोनेशियाई समकक्ष प्रबोवो सुबियांटो पारंपरिक बग्गी में सवार होकर कर्तव्य पथ पहुंचे।
Abhay Pratap Singh | January 26, 2025 | 11:04 AM IST
नई दिल्ली: भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। गणतंत्र दिवस 1950 में भारतीय संविधान को अपनाने का प्रतीक है। 26 जनवरी, 1930 को देश में पहली बार पूर्ण स्वराज की घोषणा हुई थी, जिस वजह से गणतंत्र दिवस मनाने के लिए 26 जनवरी की तिथि चुनी गई।
भारत के 76वें गणतंत्र दिवस की अध्यता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा की गई। 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया केराष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। 26 जनवरी 2025 पर गणतंत्र दिवस की थीम ‘जनभागीदारी’ विषय पर आधारित थी। गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर विभिन्न पृष्ठभूमियों से लगभग 10,000 अतिथि शामिल हुए।
गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई दिल्ली में युद्ध स्मारक पर शहीदों को सलामी देने के साथ हुई। गणतंत्र दिवस परेड भारत की सांस्कृतिक विविधता और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करेगी। परेड का नेतृत्व परेड कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, दिल्ली क्षेत्र करेंगे। मेजर जनरल सुमित मेहता, चीफ ऑफ स्टाफ, मुख्यालय दिल्ली क्षेत्र परेड के सेकेंड-इन-कमांड होंगे।
पीआईबी के अनुसार, ‘सारे जहां से अच्छा’ गीत गाते हुए 300 कलाकार शामिल होंगे। 129 हेलीकॉप्टर यूनिट से Mi-17 1V हेलीकॉप्टरों द्वारा फूलों की पंखुड़ियों की वर्षा की जाएगी। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सोलह झांकियाँ और केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और संगठनों की 15 झांकियां परेड का हिस्सा होंगी। वहीं, गणतंत्र दिवस परेड में इंडोनेशिया से 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड दल शामिल होगा।
पीएम मोदी ने गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “आज हम गणतंत्र के 75 गौरवशाली वर्ष मना रहे हैं। हम उन सभी महान महिलाओं और पुरुषों को नमन करते हैं जिन्होंने हमारा संविधान बनाया और सुनिश्चित किया कि हमारी यात्रा लोकतंत्र, गरिमा और एकता पर आधारित हो। यह अवसर हमारे संविधान के आदर्शों को संरक्षित करने और एक मजबूत और समृद्ध भारत की दिशा में काम करने की हमारी कोशिशों को मजबूत करे।”
आज से 75 साल पहले, 26 जनवरी, 1950 को देश की पहली गणतंत्र दिवस परेड नई दिल्ली के इरविन स्टेडियम में आयोजित की गई थी। साल 1951 में इरविन स्टेडियम का नाम बदलकर राष्ट्रीय स्टेडियम और 2002 में मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम कर दिया गया। इस दिन भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी से सत्ता का हस्तांतरण भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को हुआ था।