Project Praveen: यूपी में प्रोजेक्ट प्रवीण के जरिए 61,000 युवाओं को फ्री स्किल ट्रेनिंग, मिलेंगे नौकरी के अवसर

Santosh Kumar | March 7, 2024 | 01:57 PM IST | 2 mins read

गौरतलब है कि 'प्रोजेक्ट प्रवीण' माध्यमिक शिक्षा और उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के बीच एक एमओयू के तहत संचालित किया जा रहा है।

प्रोजेक्ट प्रवीण के माध्यम से 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण (इमेज-X/@UPSDMOfficial)
प्रोजेक्ट प्रवीण के माध्यम से 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण (इमेज-X/@UPSDMOfficial)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रोजेक्ट प्रवीण के माध्यम से राज्य के 61,000 से अधिक युवाओं को मुफ्त कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया है। इस नई योजना के तहत राज्य के युवाओं को नए जमाने की नौकरियों के हिसाब से तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की विज्ञप्ति के अनुसार यह जानकारी दी गई है। बता दें कि ये परियोजना क्लास 9वीं से 12वीं के स्टूडेंट के लिये है जो राज्य के हायर सेकेंड्री स्कूल में पढ़ रहे हैं।

'प्रोजेक्ट प्रवीण' माध्यमिक शिक्षा और उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के बीच एक एमओयू के तहत संचालित किया जा रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य राज्य की शिक्षा प्रणाली और पाठ्यक्रम में सुधार करना है।

जारी विज्ञप्ति के अनुसार, प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्रों को स्कूल में ही निजी प्रशिक्षण केंद्रों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है। ये प्रशिक्षक शिक्षकों के प्रशिक्षण (टीओटी) कार्यक्रम के तहत प्रमाणित हैं और कौशल विकास मिशन के तहत पंजीकृत हैं।

2023-24 में 315 सरकारी विद्यालय शामिल

वर्ष 2023-24 के लिए प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत कुल 315 सरकारी माध्यमिक विद्यालयों को शामिल किया गया है। इन संस्थानों के माध्यम से अब तक 61,400 छात्रों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है।

कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 तक नामांकित छात्रों को आईटी सेक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स, सौंदर्य, स्वास्थ्य सेवा, परिधान और लेखांकन जैसे उनकी रुचि के अनुसार व्यवसायों में दैनिक मुफ्त प्रशिक्षण मिलना चाहिए।

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ट्रेनिंग के बाद मिलेगा सर्टिफिकेट

'प्रोजेक्ट प्रवीण' के तहत सभी पाठ्यक्रम राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर प्रमाणित और अनुमोदित हैं। प्रशिक्षण और मूल्यांकन पूरा होने पर, छात्रों को ऐसे प्रमाणपत्र प्रदान किए जाते हैं जिनकी पूरे देश में वैधता होती है। ऐसे में यदि छात्र 10वीं या 12वीं कक्षा पूरी करने के बाद अपनी पढ़ाई बंद कर देते हैं, तो वे प्रोजेक्ट प्रवीण प्रशिक्षण से प्राप्त प्रमाणपत्रों के माध्यम से नौकरी के अवसर प्राप्त कर सकते हैं।

हालाँकि विज्ञप्ति के अनुसार, इस योजना के लिए पात्र होने के लिए, छात्रों को सरकारी माध्यमिक विद्यालयों से 10वीं या 12वीं कक्षा पूरी करनी होगी। कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि प्रोजेक्ट प्रवीण को वित्तीय वर्ष 2022-23 में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया था। इस अवधि के दौरान, 150 सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में 20,582 छात्रों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।

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