NEET Scam 2024: पीआईबी ने किया खुलासा; एनटीए का निजी संगठन होने का दावा झूठा, आरटीआई के अधीन

पीआईबी फैक्ट चेक हैंडल एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा गया, "दावा किया जा रहा है कि एनटीए एक निजी संगठन है और यह आरटीआई अधिनियम के अंतर्गत नहीं आता है।

एनटीए के महानिदेशक और शासी निकाय की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है। (इमेज-X/@PIBFactCheck)एनटीए के महानिदेशक और शासी निकाय की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है। (इमेज-X/@PIBFactCheck)

Santosh Kumar | June 27, 2024 | 09:21 AM IST

नई दिल्ली: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को एक निजी संगठन होने का दावा करने वाली पोस्ट तथ्य जांच में झूठी पाई गई है। प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने इस दावे को गलत साबित कर दिया है। पीआईबी ने स्पष्ट किया है कि एनटीए एक सरकारी संस्था है और आरटीआई अधिनियम के अंतर्गत आती है। एनटीए के महानिदेशक और शासी निकाय की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है।

पीआईबी फैक्ट चेक हैंडल एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा गया, "दावा किया जा रहा है कि एनटीए एक निजी संगठन है और यह आरटीआई अधिनियम के अंतर्गत नहीं आता है। यह दावा झूठा है। एनटीए आरटीआई के दायरे में आता है। डीजी, एनटीए और गवर्निंग बॉडी की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा की जाती है।"

इससे पहले, पत्रकार और गोन्यूज के संस्थापक पंकज पचौरी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि एनटीए एक निजी संस्था है और इसका स्वामित्व सरकार के पास नहीं है। उन्होंने पंजीकरण का प्रमाण पत्र भी साझा किया, जिसमें कहा गया है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग में स्थित राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत है।

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पत्रकार ने राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट यूजी 2024) विवाद का जिक्र करते हुए लिखा, "यह जानकर आश्चर्य हुआ कि एनटीए एक निजी संस्था है जो सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित सरकारी संस्थानों में छात्रों का भविष्य तय करती है। इसकी जवाबदेही नहीं है, इसलिए सरकार और मंत्रालय घोटाले से अपना पल्ला झाड़ सकते हैं।"

पत्रकार ने यह भी कहा कि एनटीए ने दिसंबर 2020 से कोई आरटीआई जवाब प्रकाशित नहीं किया है। उन्होंने कहा, "आरटीआई जवाबों को सार्वजनिक करना कानूनी रूप से अनिवार्य है। एनटीए ने इस संबंध में कोई स्पष्टीकरण या जवाबदेही नहीं दी है।"

हाल ही में, सांसद पी विल्सन ने भी कहा कि एनटीए सोसाइटीज एक्ट के तहत पंजीकृत है और कानून की कमी के कारण, यह अपनी 'अवैध' गतिविधियों के लिए किसी भी परिणाम का सामना किए बिना जवाबदेही से बच सकता है।

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