Santosh Kumar | September 4, 2025 | 04:33 PM IST | 1 min read
याचिकाकर्ताओं ने तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए कहा है कि परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रश्नपत्र और आंसर की जारी करना आवश्यक है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने नीट पीजी 2025 से जुड़ी पारदर्शिता याचिका पर सुनवाई अगले सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है। यह याचिका नीट पीजी अभ्यर्थियों ने दायर की थी, जिसमें राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परीक्षा बोर्ड (एनबीईएमएस) से उत्तर कुंजी, प्रश्न पत्र और नॉर्मलाइज़ेशन प्रक्रिया का विवरण सार्वजनिक करने की मांग की गई थी। अभ्यर्थियों ने मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) की काउंसलिंग से पहले उत्तर कुंजी के साथ पूरा प्रश्न पत्र जारी करने की मांग की है।
नीट पीजी काउंसलिंग जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इस बीच, याचिकाकर्ताओं ने तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए कहा है कि परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पूरा प्रश्नपत्र और आंसर की जारी करना आवश्यक है।
इस साल, एनबीई ने परीक्षा में कई बड़े बदलाव किए। शुरुआत में परीक्षा दो पालियों में होनी थी, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद इसे एक पाली में ही आयोजित किया गया। इससे नॉर्मलाइजेशन पद्धति की आवश्यकता समाप्त हो गई।
एनबीईएमएस ने पहले पूरे प्रश्नपत्र के साथ उत्तर कुंजी जारी करने का निर्णय लिया। लेकिन बाद में "सुधारात्मक नोटिस" जारी करके अपना निर्णय बदल दिया और कहा कि वास्तविक प्रश्नों के बजाय केवल प्रश्न आईडी ही दी जाएगी।
इसके बाद, बोर्ड ने प्रश्न आईडी, मास्टर सेट उत्तर कुंजी और अभ्यर्थियों द्वारा दिए गए उत्तरों वाला दस्तावेज जारी किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि पूरे प्रश्न न मिलने से वे मूल्यांकन ठीक से नहीं कर पा रहे हैं और इससे पारदर्शिता भी कम हो रही है।
उन्होंने एनबीई के फैसले को चुनौती दी। एमसीसी द्वारा नीट पीजी 2025 काउंसलिंग प्रक्रिया जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, अभ्यर्थी और हितधारक परीक्षा की पारदर्शिता वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।