NCTE Vacancy: एनसीटीई ने 2019 से शिक्षण, गैर-शिक्षण कर्मचारियों की कोई स्थायी भर्ती नहीं की: संसदीय समिति
Press Trust of India | August 19, 2025 | 02:38 PM IST | 2 mins read
समिति ने कहा कि कमी को पूरा करने के लिए एनसीटीई और शिक्षा विभाग द्वारा अस्थायी परामर्शदाताओं की नियुक्ति की जा रही है।
नई दिल्ली: संसद की एक स्थायी समिति ने चिंता जताते हुए कहा है कि देशभर के स्कूलों में शिक्षकों के लगभग 10 लाख पद खाली होने के बावजूद राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) ने 2019 से अब तक किसी भी स्थायी शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी की भर्ती नहीं की है। समिति ने कहा है कि देशभर के स्कूलों में शिक्षकों के लगभग 10 लाख पद रिक्त पड़े हैं।
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि देशभर में बड़ी संख्या में शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज अब ‘‘संस्थान नहीं बल्कि डिग्री बेचने वाली दुकानें’’ बन गए हैं, जिन पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2025 तक एनसीटीई में ग्रुप ए के 54 प्रतिशत, ग्रुप बी के 43 प्रतिशत और ग्रुप सी के 89 प्रतिशत पद खाली हैं।
समिति ने कहा कि कमी को पूरा करने के लिए एनसीटीई और शिक्षा विभाग द्वारा अस्थायी परामर्शदाताओं की नियुक्ति की जा रही है। लेकिन समिति इस बात को गंभीरता से लेती है कि 2019 से एनसीटीई में स्थायी शिक्षक, गैर-शिक्षक और प्रशासनिक कर्मियों की कोई भर्ती नहीं हुई है।
समिति ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित केन्द्रीय विद्यालय (केवी) और जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में भी 30 से 50 प्रतिशत तक पद खाली हैं और बार-बार सिफारिशों के बावजूद यहां अनुबंध पर शिक्षक रखे जा रहे हैं।
समिति ने चेतावनी दी है कि नए चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम की शुरुआत, पाठ्यक्रम डिजाइन में अति-केंद्रीकरण और संविदा शिक्षकों पर अत्यधिक निर्भरता जैसी चिंताओं ने इस संकट को और बढ़ा दिया है। समिति की शीर्ष सिफारिशों में राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद में रिक्तियों को भरना शामिल है।
एनसीटीई और स्कूलों में रिक्तियों को मार्च 2026 तक पूरी तरह से भरने, केंद्रीय वेतन अनुदान को नियमित नियुक्तियों से जोड़ने, इन स्कूलों में शिक्षकों की संविदा नियुक्तियों को रोकने और तय मानकों को पूरा न कर पाने वाले कॉलेजों को बंद करने का प्रस्ताव है।
समिति ने एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) को लागू करने में आने वाली चुनौतियों की भी ओर इशारा किया। यह चार वर्षीय बी.एड. पाठ्यक्रम होगा और 2030 से शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता होगी।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- Nobel Peace Prize 2025: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार, 10 दिसंबर को समारोह
- Nobel Prize in Chemistry 2025: सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, उमर एम याघी को मिलेगा केमिस्ट्री का नोबेल प्राइज
- Nobel Prize in Physics 2025: जॉन क्लार्क, माइकल एच डेवोरेट और जॉन एम मार्टिनिस को मिला भौतिकी का नोबेल प्राइज
- CAT 2025: कैट परीक्षा 30 नवंबर को 3 पाली में; 2 महीने में कैसे करें तैयारी? जानें एग्जाम पैटर्न, चयन प्रक्रिया
- UP News: यूपी में वजीफा से वंचित 5 लाख से अधिक छात्रों को दिवाली से पहले मिलेगी छात्रवृत्ति, सीएम योगी ने कहा
- NIRF Ranking 2025: यूनिवर्सिटी श्रेणी में डीयू 5वें स्थान पर, टॉप 20 में दिल्ली विश्वविद्यालय के 10 कॉलेज
- NIRF MBA Ranking 2025: आईआईएम अहमदाबाद शीर्ष पर बरकरार, आईआईएम लखनऊ की टॉप 5 में वापसी, देखें लिस्ट
- Govt Survey: एक तिहाई स्कूली बच्चे लेते हैं निजी कोचिंग, शहरों में यह प्रवृत्ति अधिक, सरकारी सर्वे में खुलासा
- NEET PG 2025 Result: नीट पीजी रिजल्ट 3 सितंबर तक होगा जारी, लाखों उम्मीदवारों को इंतजार, जानें अपेक्षित कटऑफ
- Coursera Global Skills Report 2025: भारत वैश्विक रैंकिंग में 89वें स्थान पर, एआई और टेक स्किल की मांग में तेजी