Operation Sindoor: एनसीईआरटी ने कक्षा 3 से 12 तक के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' पर दो विशेष पाठ शुरू किए

एनसीईआरटी ने सरकार के इस रुख को दोहराया कि भारत ने यह सुनिश्चित किया कि केवल आतंकवादी ठिकानों पर ही हमला किया जाए।

पाठ्यक्रम में पूरक सामग्री के रूप में शामिल किए गए पाठ ऑपरेशन सिंदूर के तीन महीने बाद आए हैं। (प्रतीकात्मक-पिक्सल)

Press Trust of India | August 20, 2025 | 01:36 PM IST

नई दिल्ली: एनसीईआरटी ने कक्षा तीन से 12 तक के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर दो विशेष पाठ पेश किए हैं। इनमें कहा गया है कि यह मिशन न केवल एक सैन्य अभियान था, बल्कि यह शांति की रक्षा करने और पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के सम्मान का वादा भी है। पाठ्यक्रम में पूरक सामग्री के रूप में शामिल किए गए पाठ ऑपरेशन सिंदूर के तीन महीने बाद आए हैं।

इसमें से एक पाठ में कहा गया है, ‘‘भारत ने सात मई, 2025 को पाकिस्तान और इसके अवैध कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर मिसाइलों और हवाई हमलों की शुरुआत की।

अंत में चुने गए और अनुमोदित नौ लक्ष्यों में से सात आतंकी शिविरों को भारतीय थलसेना ने नष्ट कर दिया, जबकि भारतीय वायुसेना ने मुरीदके और बहावलपुर में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया, जो लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्य केंद्र थे।’’

कक्षा 3 से 8 तक दो मॉड्यूल का शीर्षक

एनसीईआरटी ने सरकार के इस रुख को दोहराया कि भारत ने यह सुनिश्चित किया कि केवल आतंकवादी ठिकानों पर ही हमला किया जाए। इस ऑपरेशन ने दिखाया कि भारत आतंकवादी सरगनाओं को सज़ा से बचने नहीं देगा।

प्रारंभिक और मध्य स्तर या कक्षा तीन से आठ तक के लिए दो मॉड्यूल का शीर्षक ‘ऑपरेशन सिंदूर - वीरता की गाथा’ और माध्यमिक स्तर या कक्षा 9 से 12 के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर - सम्मान और वीरता का मिशन’ है।

ऑपरेशन सिंदूर को ‘‘बहादुरी, रणनीति और नवाचार की जीत’’ बताते हुए मॉड्यूल में भारत की वायु रक्षा प्रणालियों, जैसे एस-400 का भी उल्लेख किया गया है, जिसने लंबी दूरी पर दुश्मन के विमानों को मार गिराया और दुश्मन के ड्रोन भी नष्ट कर दिए।

Also read Delhi School Fee Regulation Bill: दिल्ली के नए स्कूल फीस कानून के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने शुरू किया अभियान

मुस्लिमों ने किया सशस्त्र बलों का समर्थन

द्वितीयक चरण के पाठ में कहा गया है, ‘‘हैदराबाद, लखनऊ और भोपाल में मुस्लिम समुदायों ने काली पट्टियां बांधीं और हमले की निंदा की। कश्मीर में दुकानदारों ने विरोध में अपनी दुकानें बंद कर दीं। सीमा के पास के गांवों ने कड़ी कार्रवाई की मांग की और सशस्त्र बलों का समर्थन किया।’’

पाठों में से एक में कहा गया है, ‘‘अतीत में, भारत अपने नागरिकों के लिए खड़े होने से कभी नहीं कतराया। हमने 1947, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में कड़ा जवाब दिया... ऑपरेशन सिंदूर भी आतंकवाद को रोकने का भारत का तरीका था।’’

[

विशेष समाचार

]
[

नवीनतम शिक्षा समाचार

]