नेशनल मीन्स-कम-मेरिट स्कॉलरशिप स्कीम (एनएमएमएसएस) को नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (एनएसपी) पर शामिल किया गया है, जो ईडब्ल्यूएस श्रेणी के मेधावी छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म है।
Saurabh Pandey | August 31, 2024 | 07:56 AM IST
नई दिल्ली: नेशनल मीन्स-कम-मेरिट स्कॉलरशिप स्कीम के तहत ईडब्ल्यूएस के मेधावी छात्रों को आठवीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ने से रोकने और उन्हें माध्यमिक स्तर तक अपनी पढ़ाई जारी रखने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। प्रत्येक वर्ष कक्षा 9 से चयनित छात्रों को एक लाख नई छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। इसके बाद राज्य सरकार, सरकारी सहायता प्राप्त और स्थानीय निकाय स्कूलों की कक्षा 10वीं, 11वीं और12वीं में उन्हें हर वर्ष ये छात्रवृत्ति दी जाती है। एनएमएमएसएस छात्रवृत्ति की राशि 12000 रुपये प्रति वर्ष होती है।
नेशनल मीन्स-कम-मेरिट स्कॉलरशिप स्कीम (एनएमएमएसएस) को नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (एनएसपी) पर शामिल किया गया है - जो ईडब्ल्यूएस श्रेणी के मेधावी छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म है। इस केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण द्वारा सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के माध्यम से चयनित छात्रों के बैंक खातों में सीधे राशि भेजी जाती है।
वे छात्र जिनके परिवार की सभी स्रोतों से आय रुपये से 3,50,000 रुपये से अधिक नहीं है। वे प्रति वर्ष छात्रवृत्ति का लाभ उठाने के लिए पात्र हैं। छात्रवृत्ति के लिए चयन परीक्षा में उपस्थित होने के लिए छात्रों के पास सातवीं कक्षा की परीक्षा में न्यूनतम 55% अंक या समकक्ष ग्रेड होना चाहिए (एससी/एसटी छात्रों के लिए 5% की छूट) दी जाएगी। नए उम्मीदवारों के रूप में छात्रों के चयन के लिए हर साल राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा परीक्षा आयोजित की जाती है।
शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSEL) द्वारा 28 अगस्त 2024 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय साधन-सह-योग्यता छात्रवृत्ति योजना (एनएमएमएसएस) के राज्य नोडल अधिकारियों के साथ एक राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला का आयोजन किया गया था। कार्यशाला की अध्यक्षता डीओएसईएल की आर्थिक सलाहकार सुश्री ए श्रीजा ने की और हाइब्रिड मोड में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के राज्य शिक्षा अधिकारियों/राज्य नोडल अधिकारियों (एनएमएमएसएस) ने भाग लिया। कार्यशाला में डीबीटी मिशन, एनआईसी-नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (एनएसपी) और यूआईडीएआई के अधिकारी भी शामिल हुए।
कार्यशाला में राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) पर नए उम्मीदवारों के पंजीकरण की स्थिति से संबंधित क्षेत्रों और वर्ष 2024-25 से एनएसपी में जोड़े गए वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) मॉड्यूल की नई सुविधा पर भी विचार-विमर्श किया गया। ओटीआर मॉड्यूल पूरे वर्ष छात्रों के लिए उपलब्ध रहेगा। ओटीआर आधार/नामांकन आईडी (ईआईडी) के आधार पर जारी किया गया एक यूनीक 14 अंकों का नंबर है और यह छात्र के पूरे शैक्षणिक करियर के लिए लागू होता है।
राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने के लिए ओटीआर आवश्यक है। ओटीआर के सफल समापन पर, एक ओटीआर आईडी जारी की जाएगी जो छात्र के पूरे शैक्षणिक जीवन के लिए वैध रहेगी। आवेदन जमा करने पर, सिस्टम ओटीआर आईडी के विरुद्ध एक एप्लिकेशन आईडी जेनरेट करेगा। पोर्टल यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी समय एक ओटीआर आईडी के विरुद्ध एक से अधिक एप्लिकेशन आईडी सक्रिय न रहें। एनएसपी पर पंजीकरण करने पर छात्रों को एक ओटीआर और पासवर्ड मिलेगा, जिसके साथ वे किसी भी योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। छात्र के छात्रवृत्ति को ओटीआर द्वारा ट्रैक किया जा सकता है।
डीबीटी मिशन के निदेशक देवेन्द्र कुमार ने परियोजना वर्ष 2023-24 से एनएसपी में शुरू किए गए आधार भुगतान की विशेषताओं के बारे में बात की। NMMSS के तहत, DoSEL एक एजेंसी के रूप में कार्य करता है और लाभार्थियों के खातों में DBT के माध्यम से सीधे छात्रवृत्ति वितरित करता है।
यूआईडीएआई के निदेशक संजीव यादव ने जनसांख्यिकीय प्रमाणीकरण के बजाय जैव-प्रमाणीकरण के उपयोग पर जोर दिया, जो प्रमाणीकरण का अधिक सटीक तरीका है। उन्होंने छात्रों के साथ-साथ एनएमएमएसएस के नोडल अधिकारियों (एसएनओ/आईएनओ/डीएनओ) के लिए एप्लिकेशन-आधारित बायो फेस प्रमाणीकरण सुविधा के बारे में जानकारी दी। छात्रवृत्ति राशि केवल उन्हीं खातों में वितरित की जाती है, जो पंजीकरण के समय आधार से जुड़े हुए हैं और लाभार्थी एनपीसीआई और पीएफएमएस पोर्टल से अपनी आधार सीडिंग स्थिति की जांच कर सकते हैं।
कार्यशाला के दौरान, सुश्री ए श्रीजा ने योग्यता के आधार पर चयनित ईडब्ल्यूएस के बच्चों को समय पर छात्रवृत्ति भुगतान के महत्व और एनएसपी पर राज्य-स्तरीय अधिकारियों द्वारा आवेदनों के त्वरित सत्यापन की आवश्यकता के बारे में बात की। एनएसपी कई राज्य छात्रवृत्ति योजनाओं की भी मेजबानी करता है, इसलिए राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के नोडल अधिकारियों (एसएनओ) से आग्रह किया गया था कि वे नए मामलों के लिए ओटीआर के माध्यम से एनएसपी पर पंजीकरण करने की प्रक्रिया पर माता-पिता/शिक्षकों और छात्रों को मार्गदर्शन प्रदान करें।
एसएनओ को एनएसपी पर बाद के चरण में बेमेल से बचने के लिए स्कूल रिकॉर्ड के साथ-साथ आधार रजिस्ट्री में बच्चे और उनके माता-पिता के नाम और विवरण का सही नाम और वर्तनी दर्ज करने के बारे में माता-पिता को शिक्षित करने के लिए भी कहा गया था। इसके अलावा, शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से आधार अनिवार्य हो गया है।